शायरी

शायरी – मेरे जज़्बात के हर कतरे में तुम बहने की अदाएँ सीख गए

हम रोने का हुनर सीख गए तुम आकर आँसू में भींज गए मेरे जज़्बात के हर कतरे में तुम बहने की अदाएँ सीख गए फिजा की बिखरी यादों में फूलों में सँवरे काँटों में कायनात के दर्द की सोहबत में हम जीना-मरना सीख गए शाम की धुंधली राहों पर गम की अँधेरी रातों पर ख्वाब के टूटे शीशों पर मुस्कुरा …

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शायरी – एक दिन दिल तोड़ता है वो शख्स मुस्कुराकर

आजमा कर देखिए हर शख्स को दुनिया में वो पहले वफा दिखाते हैं, फिर दगा करते हैं वफा करते हैं ताकि ऐतबार वो पा ले आपका फिर बेवफाई का फर्ज वो अदा करते हैं वो अपना काम निकालते हैं कुछ इस हुनर से कि आप धोखे खाकर भी उनसे मिला करते हैं आपकी जान कब वो लेगा, ये खबर नहीं …

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शायरी – कोई तू राह बता कैसे मैं बेवफाई करूँ

इस मुहब्बत में तुमको मैं खुशी दे न सकी कोई तू राह बता कैसे मैं बेवफाई करूँ दर्द के शोलों को हवा दी हमने तेरे दिल में इन गुनाहों से तोबा अब मैं कैसे करूँ खता-ए-इश्क से बस तेरी इबादत की है ऐसा लगता है तेरी ही शहादत दी है तू जो रोता है इतना मेरे ख़यालों में तेरे आँसू …

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शायरी – रात आती है तेरी याद चली आती है

रात आती है तेरी याद चली आती है किस शहर से तेरी आवाज चली आती है चाँद ने खूब सहा है सूरज की अगन तेरी ये आग मुझसे न सही जाती है दिल में उतरी है तेरी दर्द भरी आँखें मेरी आँखों में वही प्यास जगी जाती है हमने देखा था खुद को तेरी सूरत में आईना देखकर अब रात …

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शायरी – तुम मेरे दर्द को मिटा दोगी एक दिन

अपने दिल के सनमखाने के हर जर्रे पे आँसुओं से तेरे नाम लिखे हैं हमने ये ख़ामोशी और दर्द के अफ़साने कोरे कागज़ पे सजाए हैं हमने ये जो पत्थर के बेदिल मकान हैं इस दुनिया की गलियों के श्मशान हैं तन्हाई के जिंदादिली के साये में तुमको ख़यालों में बसाए हैं हमने राहों के मुकद्दर में कई मुसाफिर हैं …

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