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हाफिज सईद की पार्टी का कैंडिडेट इलेक्शन में नवाज शरीफ की पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा

हाफिज सईद की पार्टी का कैंडिडेट इलेक्शन में नवाज शरीफ की पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा। NA-120 सीट के लिए ये चुनाव होना है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा नवाज शरीफ को हटाए जाने के बाद खाली हुई है। इस सीट को लाहौर-3 भी कहा जाता है। बता दें कि सईद की पार्टी के कैंडिडेट ने फिलहाल, इंडिपेंडेंट के तौर पर नॉमिनेशन फाइल किया है।

उसकी पार्टी को अब तक इलेक्शन कमीशन ने रजिस्टर नहीं किया है। हाफिज सईद की पॉलिटिकल पार्टी का नाम मिल्ली मुस्लिम लीग (MML) है। इसने मोहम्मद याकूब शेख को नवाज शरीफ की पत्नी कुलसुम नवाज के खिलाफ मैदान में उतारा है। शेख ने कहा है कि वो भले ही फिलहाल, निर्दलीय के तौर पर मैदान में हो लेकिन उसका कैंपेन MML के बैनर तले ही किया जाएगा।

 

पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन ने हाफिज की पार्टी MML को अब तक रजिस्टर नहीं किया है।MML के प्रेसिडेंट सैफुल्ला खालिद ने मीडिया से बातचीत में कहा- हम याकूब शेख को सपोर्ट करेंगे और उनके लिए कैंपेन भी करेंगे।खालिद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा- हमारी पार्टी 2018 के जनरल इलेक्शंस में सभी सीटों पर मैदान में उतरेगी।

हम उन पार्टियों से अलायंस कर सकते हैं जो हमारी विचारधारा से मेल खाती हों। कायदे-आजम जिन्ना और अल्लामा इकबाल ने मुल्क के लिए जो सपना देखा था, हम उसे साकार करना चाहते हैं।बता दें कि हाफिज सईद ने ही खालिद को अपने बाद जेयूडी का चीफ बनाया है। इसके बाद वो MML का भी चीफ बनाया गया। हालांकि, खालिद का कहना है कि वो अब्दुल रहमान मक्की के बाद पार्टी का काम देखता है। 

पाकिस्तान की सियासत में MML का मैदान में उतरना एक बड़े कदम के तौर पर देखा जा रहा है। इसके पहले जमात-उद-दावा खुद को एक सोशल ऑर्गनाइजेशन बताता रहा है।खुद हाफिज इस साल जनवरी से हाउस अरेस्ट है। उसकी हिरासत तीन बार बढ़ाई जा चुकी है। हाफिज सईद पर अमेरिका ने 10 मिलियन डॉलर का ईनाम भी रखा है।

हाफिज सईद ने अपने संगठन जमात-उद-दावा की ओर से पाकिस्तान चुनाव आयोग में ‘मिल्ली मुस्लिम लीग’ के नाम से राजनीति पार्टी को मान्यता देने के लिए अर्जी दी थी। इसके बाद अब उसने पार्टी गठन की घोषणा की है।खालिद ने कहा कि हमने इलेक्शन कमीशन में पार्टी के रजिस्ट्रेशन के लिए एप्लिकेशन दी है।

हमारी पार्टी पाकिस्तान को सही मायने में एक इस्लामिक देश बनाएगी। हम सईद को जल्द से जल्द नजरबंद से रिहा करने की अपील करेंगे।मौजूदा वक्त में मौलाना फजलुर रहमान की जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल धर्म के आधार पर पाक की सबसे बड़ी पार्टी में से एक है। इसके नेशनल असेंबली में दर्जनभर सांसद हैं। जबकि जमात-ए-इस्लामी के 6 सांसद हैं।

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