पाकिस्तान हमेशा भारत के खिलाफ षड्यंत्र का जाल बुनने में लगा रहता है।हर समय भारत में आतंकी घुसपैठ करने और आतंकी हमला कराने की फिक्र में लगा रहता है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीने से पीओके के खुईरेत्त ट्रेनिंग और वहां नजदीक बने लॉन्च पैड पर लश्कर और जैश के आतंकियों को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और पाक आर्मी मैप रीडिंग/मैट्रिक्स हथियार और एक्सप्लोसिव चलाने और उसको असेम्बल करने की ट्रेनिंग दे रहा है, ताकि 26 जनवरी के आपस कुछ राज्यों सहित दिल्ली को दहला सके।
खुफिया अलर्ट के बाद सुरक्षा बलों ने एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर पर चौकसी बढ़ा दी है। आशंका है कि 26 जनवरी से पहले जम्मू कश्मीर, पंजाब और दिल्ली में आतंकी घुसपैठ हो सकती है। खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुईरेत्त ट्रेनिंग कैम्प में लश्कर और जैश के आतंकियों को सवा महीने की ट्रेनिंग दी गई है।
ये ट्रेनिंग इन आतंकियों को तीन हिस्सों में देने की खबर सुरक्षा एजेंसियों के पास मौजूद है।पहले हिस्से की ट्रेनिंग 1- दौर-ए-खास/एडवांस कॉम्बैट कोर्स, दूसरे हिस्से की आतंकी ट्रेनिंग 2- दौरा-अल- राद-एडवांस आम्र्ड ट्रेनिंग कोर्स और 3- रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रोग्राम, जिसमें ऑनलाइन आईआईडी असेम्बल करने की तकनीक, इन आतंकियों को बताई गई है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक एके-47, पीआईकेए , एलएमजी, रॉकेट लॉन्चर, यूबीजीएल और हैंड ग्रेनेड चलाने की ट्रेनिंग भी पीओके में खुईरेत्त कैम्प में ट्रेन्ड आतंकियों को दी गई है।लश्कर के आतंकियों को यहां पर जंगल सर्वाइवल, बर्फ में चलने, गुरिल्ला युद्ध, कम्युनिकेशन, इंटरनेट और जीपीएस मैप की ट्रेनिंग दी गई है।
यही नहीं, पीओके खुईरेत्त के इस कैम्प में आतंकियों को तलवारबाजी, तैराकी और घुड़सवारी की ट्रेनिंग भी देने की खबर है।खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक आर्मी ने आतंकियों की घुसपैठ के लिए मछल सेक्टर, गुरेज सेक्टर, तंगधार सेक्टर, केरन सेक्टर और उरी सेक्टर के सामने लाइन ऑफ कंट्रोल के उस पार 30 से 35 लॉन्च पैड को सक्रिय कर दिया है।
इन लॉन्च पैड पर लश्कर जैश, हिज्बुल मुजाहिदीन, अल बदर के आतंकवादियों को इकट्ठा किया गया है। इसमें आतंकी संगठनों के आधा दर्जन से ज्यादा ग्रुप मछल सेक्टर के ठीक सामने आतंकी लॉन्चिंग पैड पर मौजूद हैं। वहीं गुरेज सेक्टर के ठीक सामने लॉन्च पैड सोनार, लोसार और शेर खान टॉप पर मौजूद हैं। यहां भी आतंकियों की मौजूदगी का पता चला है।