पाकिस्तान के 118 जिलों में बाढ़ के बाद 37 फीसदी आबादी गरीबी की चपेट में आने को मजबूर

पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ ने सरकार के अनुमान के मुताबिक, जानमाल के नुकसान के अलावा 10 अरब डॉलर से लेकर 12.5 अरब डॉलर तक का आर्थिक नुकसान किया है। चालू वित्तवर्ष में यह नुकसान 30 प्रतिशत है।वित्त मंत्रालय, योजना मंत्रालय, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान, एफबीआर, पीआईडीई और अन्य के प्रतिनिधित्व वाली एक हाई-प्रोफाइल समिति ने मूल्यांकन किया कि गरीबी और बेरोजगारी कई गुना बढ़ गई है, जो 21.9 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, देश के 118 जिलों में भयंकर बाढ़ आने के बाद से लगभग 37 प्रतिशत आबादी गरीबी की चपेट में आ गई है।बेरोजगारी काफी बढ़ गई है, लेकिन सरकार ने संबंधित हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद किसी भी संख्या को साझा करने का निर्णय लिया है। हाल ही में आई भीषण बाढ़ से पहले बेरोजगारी दर छह प्रतिशत थी।आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चालू वित्तवर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर पांच फीसदी से घटाकर दो फीसदी की जाएगी।

द न्यूज ने बताया कि स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने खुलासा किया कि चालू वित्तवर्ष के लिए विकास दर चार प्रतिशत से घटाकर 4.5 प्रतिशत कर दिया जाएगा।बाढ़ के बाद कृषि विकास को बहुत गंभीर प्रभाव का सामना करना पड़ा और चालू वित्तवर्ष में 500 अरब रुपये से अधिक की कृषि वृद्धि का मूल्यवर्धन लुप्त हो सकता है। कृषि विकास लक्ष्य और सेवा क्षेत्र को गंभीर प्रभावों का सामना करना पड़ा।

2022-23 के बजट की पूर्व संध्या पर देश के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि में तीन प्रतिशत की कमी का अनुमान लगाया गया है और यह जीडीपी के लगभग 2 प्रतिशत के आसपास रहेगा।इसी तरह आर्थिक मोर्चे पर भारी नुकसान बढ़ सकता है, क्योंकि एसबीपी के मॉडल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी जिलों और तहसीलों में प्रभावित आर्थिक गतिविधियों के बाधित होने के आधार पर नुकसान का पता लगाने का अनुमान है।

एसबीपी कृषि क्षेत्र को होने वाले नुकसान का सटीक आकलन करने के लिए सुपार्को की उपग्रह छवियों का उपयोग कर रहा है। गूगल ने सरकार को कृषि और भौतिक बुनियादी ढांचे को कुल संचित नुकसान का पता लगाने के लिए अपनी सेवाएं प्राप्त करने की भी पेशकश की है।
देश में 2010 में आई पिछली बाढ़ ने 78 जिलों को नुकसान पहुंचाया था, लेकिन हाल की बाढ़ की तीव्रता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इससे उन क्षेत्रों के 118 जिलों में नुकसान हुआ है, जो आर्थिक गतिविधियों के प्रमुख केंद्र रहे हैं।

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