एनएसए की बैठक से पहले पाकिस्तान ने माहौल बनाने की कोशिश की है। गृह राज्यमंत्री ने मुंबई हमले के सरगना एवं लश्कर आतंकी हाफिज सईद की संस्था जमात-उद दावा की गतिविधियों पर निगरानी रखने की बात कही है। संसद के ऊपरी सदन सीनेट में एक सवाल के जवाब में गृह राज्य मंत्री बलीघुर रहमान ने बुधवार को बताया, ‘जमात को संदिग्ध संगठनों की सूची में रखा गया है। चैरिटी के अलावा अन्य गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर इसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय उसकी गतिविधियों की निगरानी करा रहा है।’
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सीनेटर फरहतुल्ला बाबर ने प्रतिबंधित संगठनों का संरक्षण और खुफिया एजेंसियों की भूमिका विषय पर इस मामले को उठाया था। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन खुद को चैरिटी संगठनों में तब्दील कर मंसूबों को अंजाम देते हैं। इससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचता है। दोनों देशों के एनएसए के बीच 23-24 अगस्त को वार्ता प्रस्तावित है। बाबर ने कहा कि सरकार ने 7 जुलाई को लाहौर हाई कोर्ट के फैसले को सदन में साझा करने का वादा किया था। उसपर अब तक अमल नहीं होने पर ऐसा लगा कि कोर्ट ने जमात को संचालन की अनुमति नहीं दी।