नेपाल में संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

नेपाल के मुख्य विपक्षी गठबंधन ने सरकार पर संविधान संशोधन विधेयक को वापस लेने का दबाव बनाने के लिए आज राजधानी में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किए। इस विधेयक का उद्देश्य आंदोलनरत मधेसी पार्टियों की मांगों का समाधान करना है।नौ पार्टियों के इस गठबंधन को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री प्रचंड के नेतृत्व वाली सरकार के इस कदम के विरोध में शक्ति प्रदर्शन में शामिल होने के लिए एक लाख कार्यकर्ता और समर्थक राजधानी में जुटेंगे।

रैली का उद्देश्य सरकार पर संविधान संशोधन विधेयक को वापस लेने का दबाव बनाना है।सीपीएन माओवादी सेंटर और नेपाली कांग्रेस का सत्तारूढ़ गठबंधन आंदोलनरत मधेसी पार्टियों की मांगों का समाधान निकालने के उद्देश्य से संविधान में संशोधन के प्रयास कर रहा है। सीपीएन-एमएल, नेपाल वर्कर्स और पीजेंट्स पार्टी समेत आठ छोटे वाम दल भी सरकार के खिलाफ इस रैली में शामिल होंगे।

इस विधेयक को संसदीय सचिवालय में नवंबर माह में सूचीबद्ध किया गया था। इसका उद्देश्य आंदोलनरत मधेसियों और जातीय समूहों की नागरिकता और सीमांकन जैसी कई मांगों का समाधान पेश करना है। मधेसियों की मुख्य मांगे हैं प्रांतीय सीमा का पुन: सीमांकन और नागरिकता का मुद्दा।ज्यादातर मधेसी मूल रूप से भारतीय हैं और सितंबर 2015 में उन्होंने प्रदर्शन शुरू किए थे जो पिछले साल फरवरी तक चले थे। इस दौरान 50 लोगों की मौत हो गई।

Check Also

हमको कोविड 19 महामारी की लड़ाई को कमजोर नहीं पड़ने देना चाहिए : डब्ल्यूएचओ

डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी दी कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई कमजोर न पड़े और महामारी से आर्थिक …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *