दुनियाभर में कोविड 19 के एक वैक्सीन को लेकर बड़ी खबर आई है। कई यूरोपीय देशों ने कोरोना के एक टीके पर रोक लगा दी है। डेनमार्क, ऑस्ट्रिया, इटली, बुल्गारिया, रोमानिया, एस्टोनिया, लिथुआनिया, लक्जमबर्ग, लातविया और गैर-यूरोपीय संघ के देश नॉर्वे और आइसलैंड ने भी इस वैक्सीन पर रोक लगाई है।
दरअसल तमाम देशों में वैक्सीनेशन जारी है लेकिन बीच-बीच में कई बार ऐसी खबरें आती हैं जो लोगों के मन में शंका पैदा करती हैं। आयरलैंड में भी ऐसे ही मामले सामने आ रहे हैं। कथित तौर पर कोरोना वैक्सीनेशन के बाद खून के थक्के जमने के मामले सामने आ रहे हैं।
खून के थक्के जमने की रिपोर्टों के बाद अब डेनमार्क ने भी एहतियात के तौर पर वैक्सीन के उपयोग पर रोक लगा दी है।आयरलैंड के स्वास्थ्य अधिकारियों ने नॉर्वे में टीकाकरण के बाद खून के थक्के जमने संबंधी रिपोर्ट सामने आने के बाद एस्ट्राजेनेका टीके के इस्तेमाल पर अस्थायी तौर पर पाबंदी लगा दी है।
आयरलैंड के डिप्टी सीएमओ डॉ. रोनन ग्लिन ने बताया कि नॉर्वे में मेडिकल एजेंसी ने एस्ट्राजेनेका टीका लगाए जाने के बाद एडल्ट्स में खून के थक्के जमने के चार मामलों की जानकारी दी है, जिसके बाद इसके इस्तेमाल पर रोक लगाने की रविवार को सिफारिश की गई।
कई यूरोपीय देशों ने पूरे या आंशिक रूप से ब्रिटिश कंपनी एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीद्वारा विकसित किए गए कोविड-19 वैक्सीन के उपयोग पर रोक लगा दी है। इन देशों ने वैक्सीन के उपयोग को निलंबित करने का निर्णय टीकाकरण के बाद खून के थक्के जमने से हुईं संदिग्ध मौतों के बाद लिया गया है।
इस रोक के बाद पूरे मामले पर कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रजेनका की सफाई दी है। कंपनी का कहना है कि जिन लोगों को वैक्सीन दी गयी उन लोगों के सेफ्टी डेटा रिव्यू में वैक्सीन से खून के थक्के बनने के खतरे का कोई सुबूत नहीं मिला।
कंपनी ने ब्रिटेन और यूरोपियन यूनियन में एक करोड़ सत्तर लाख लोगों के सेफ्टी डेटा का रिव्यू किया था।फार्मा कंपनी एस्ट्रेजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित की गई कोरोना वैक्सीन को लेकर यूरोप में कुछ गंभीर साइड इफेक्ट्स को देखते हुए भारत भी अब इस वैक्सीन की समीक्षा करेगा।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनेका के इस प्रोजेक्ट में भारत की फार्मा कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भी पार्टनर रही है। सीरम इंस्टीट्यूट इस वैक्सीन को कोविशील्ड के नाम से बेच रहा है।