ब्रिटिश PM से पीएम मोदी ने मांगी माल्या और ललित मोदी को देने की अपील

नरेंद्र मोदी जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में ब्रिटेन की पीएम थेरेसा मे से मिले। बाइलैटरल मीटिंग में मोदी ने थेरेसा मे से भारत के इकोनॉमिक ऑफेन्डर्स (देश को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने वाले) की देश वापसी में मदद करने की मांग की। बता दें कि भारत भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या और आईपीएल के पूर्व चीफ ललित मोदी को ब्रिटेन से वापस लाने की कोशिश कर रहा है।

माल्या पिछले साल मार्च से ही लंदन में हैं और उन पर 17 भारतीय बैंकों के 9,432 करोड़ रुपए बकाया हैं। कोर्ट उन्हें भगोड़ा करार दे चुकी है।न्यूज एजेंसी के मुताबिक मोदी G-20 समिट के लिए शुक्रवार को हैम्बर्ग पहुंचे थे। शनिवार को मोदी और थेरेसा मे के बीच G-20 समिट से इतर बाइलैटरल मीटिंग हुई। दोनों नेताओं ने भारत-ब्रिटेन संबंधों पर डिटेल में बातचीत की।

इसी दौरान माल्या और ललित मोदी के मसले पर भी बात हुई। बाद में इंडियन फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन गोपाल बागले ने ट्वीट कर बताया कि पीएम ने इकोनॉमिक ऑफेन्डर्स की देश वापसी के मसले पर ब्रिटेन से मदद करने को कहा है। हालांकि उन्होंने माल्या और ललित मोदी का नाम नहीं लिया।

माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर स्कॉटलैंड यार्ड ने इसी साल 18 अप्रैल को अरेस्ट किया था, हालांकि उन्हें 4.5 करोड़ रुपए के बॉन्ड और पासपोर्ट जमा करने की शर्त पर 3 घंटे में ही जमानत मिल गई थी।6 जुलाई को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में माल्या के एक्स्ट्राडीशन केस की सुनवाई हुई थी। इस दौरान माल्या भी कोर्ट में मौजूद थे। उन्होंने सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स कोर्ट को सौंपे।

इससे पहले 13 जून को भी माल्या के मामले की सुनवाई हुई थी। वे 4 दिसंबर तक जमानत पर हैं।आईपीएल (इंडियन प्रीमियर लीग) के पूर्व चीफ ललित मोदी मनी लॉन्ड्रिंग केस में वान्टेड हैं। कहा जाता है कि वह भी यूके में ही हैं। हालांकि मोदी ने कहा है कि उन्होंने आईपीएल डील्स में कुछ भी गलत नहीं किया है। ईडी (इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट) ने चेन्नई पुलिस की शिकायत के आधार पर ललित मोदी और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया था।

मोदी पर 2009 में T-20 क्रिकेट टूर्नामेंट के ओवरसीज टेलीकास्ट राइट्स देने में धोखाधड़ी करने का आरोप है।2 मार्च 2016 से ही माल्या लंदन में रह रहे हैं। इन्फोर्समेंट डायरेक्ट्रेट (ईडी) और सीबीआई को माल्या की तलाश है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) से जुड़े एक मामले में मुंबई की स्पेशल कोर्ट माल्या को भगोड़ा घोषित कर चुकी है। माल्या का पासपोर्ट भी रद्द किया जा चुका है।

इसी साल फरवरी में भारत ने यूके से माल्या की वापसी के लिए रिक्वेस्ट भेजी थी। जिसके बाद मार्च में थेरेसा मे ने लंदन में अरुण जेटली से प्रोटोकॉल तोड़कर मुलाकात की थी। उस दौरान पहली बार माल्या को भारत को सौंपने पर चर्चा हुई थी। मार्च में ही यूके ने भारत को बताया था कि उसकी रिक्वेस्ट को फॉरेन मिनिस्ट्री ने सर्टिफाई कर दिया है। 

यूके गवर्नमेंट ने आगे की कार्रवाई के लिए केस को डिस्ट्रिक्ट जज के पास भेजा। इसके बाद माल्या को एक्स्ट्राडीशन वारंट पर अप्रैल में अरेस्ट किया गया। वारंट जारी होने के बाद माल्या खुद सेंट्रल लंदन पुलिस स्टेशन पहुंचे थे।31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या की टोटल लायबिलिटी 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो चुकी है।

सीबीआई ने 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में कहा है कि किंगफिशर एयरलाइंस ने IDBI की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया।माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया।

डेट रिकवरी ट्रिब्‍यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों UBHL, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5% प्रति साल की ब्याज दर से वसूली की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।भारत और ब्रिटेन के बीच एक्स्ट्राडीशन ट्रीटी (प्रत्यर्पण संधि) 1992 में हुई थी। ब्रिटिश कानूनों के तहत अगर किसी शख्स की उस देश में संपत्ति है, तो वह वहां बिना पासपोर्ट के भी रह सकता है। ऐसे में, उसे भारत लाना आसान नहीं है। भारत को माल्या की वापसी के लिए इन 7 फेज से गुजरना पड़ सकता है।

1.सीबीआई को ब्रिटिश कोर्ट में साबित करना होगा कि माल्या पर लगे आरोप ब्रिटेन के कानून के तहत भी अपराध हैं।

2. अगर आरोप साबित होते हैं तो ब्रिटिश कोर्ट एक्स्ट्राडीशन का ऑर्डर दे सकता है।

3.अगर जांच एजेंसियां आरोप साबित नहीं कर सकीं तो एक्स्ट्राडीशन की उम्मीदों को झटका लग सकता है।

4. एक्स्ट्राडीशन सुनवाई के बाद आखिरी फैसला फॉरेन मिनिस्ट्री को करना होता है।

5. माल्या के पास मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को हायर कोर्ट में चुनौती देने का हक होगा।

6.लंदन कोर्ट यह भी तय करेगी कि क्या माल्या का एक्स्ट्राडीशन उनके ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन तो नहीं करता।

7.ऐेसे में, माल्या को भारत लाने में भारतीय एजेंसी को कम से कम 10 से 12 महीने का समय लग सकता है।

गिरफ्तारी के बाद बातचीत में माल्या ने कहा था कि वो बैंकों के साथ 9 हजार करोड़ रुपए के लोन का सेटलमेंट करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एक बार में सेटलमेंट करने के लिए 6868 करोड़ रुपए देने की बात कही थी। 

माल्या ने ये जवाब उस सवाल पर दिया, जिसमें पूछा गया था कि जांच एजेंसियों को को-ऑपरेट करने और बैंकों के पैसे लौटाने के लिए आपकी क्या शर्तें हैं? माल्या ने कहा था सबको मेरी तरफ से बैंकों को दिए सेटलमेंट ऑफर से जुड़ी शर्त और कर्नाटक हाईकोर्ट की कानूनी कार्यवाही ऑब्जर्व करने की जरूरत है।

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