चीन ने बनाया दुनिया का सबसे बड़ा एम्फीबियस प्लेन

चीन में बनें पहले एम्फीबियस प्लेन AG600 ने रविवार को पहली उड़ान भरी। दुनिया के सबसे बड़ा एम्फीबियस प्लेन माने जा रहे इस एयरक्राफ्ट की खासियत है कि ये पानी और जमीन दोनों से ही ऑपरेट कर सकता है। कुनलोंग कोड नेम वाले इस प्लेन ने सुबह 9:39 पर जिनवान सिविल एविएशन एयरपोर्ट से अपनी पहली उड़ान भरी।

करीब 1 घंटे तक उड़ने के बाद लैंडिंग के वक्त लोगों ने इसका स्वागत किया। बता दें कि चीन 2017 की शुरूआत में ही इस प्लेन की टेस्टिंग कर लेना चाहता था, लेकिन अप्रैल में हुए ग्राउंड टेस्टिंग के बाद इसकी पहली फ्लाइट को कुछ दिन के लिए टाल दिया गया।चीन में बनें इस एयरक्राफ्ट में चार टर्बोप्रॉप इंजन लगाए गए हैं।

आगे से पीछे तक इस प्लेन की लंबाई करीब 39.6 मीटर है। वहीं दोनों पंखों तक की कुल लंबाई 38.8 मीटर है।प्लेन को बनाने वाली कंपनी एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना के मुताबिक, इस प्लेन का टेक-ऑफ वेट (वजन) करीब 53.5 टन है। इस वजन के साथ प्लेन एक बार में करीब 12 घंटे तक लगातार उड़ सकता है।इस प्लेन की अधिकतम स्पीड 500 किलोमीटर प्रतिघंटा है।

AG600 के डिजायनर हुआंग लिंगकाइ के मुताबिक इस प्लेन की सफल उड़ान ने चीन को उन चुनिंदा देशों की गिनती में ला दिया है जो एम्फीबियस एयरक्राफ्ट बना सकते हैं।चीन ने इस एयरक्राफ्ट को सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए बनाया है। हालांकि, दुश्मन पर नजर रखने और जंगलों में लगी भीषण आग से निपटने में भी इसकी मदद ली जाएगी

सर्च एंड रेस्क्यू मिशन के दौरान किनलोंग एक बार में 50 लोगों को उठा सकता है। साथ ही आग बुझाने के लिए सिर्फ 20 सेकेंड्स में 12 टन पानी ढो सकता है। फुल टैंक में प्लेन करीब 370 टन पानी पहुंचाने का काम कर सकता है।चीन के बड़े एयरक्राफ्ट्स की फैमिली में AG600 तीसरा प्लेन है। चीन के पास Y-20 और C-919 नाम के दो और बड़े प्लेन्स हैं। जहां Y-20 एयरफोर्स का फ्रेट (मालवाहक) प्लेन है तो वहीं, C-919 पैसेंजर प्लेन है।

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