नेपाल में भूकंप के तीन झटके आने से लोगों में फिर दहशत फैल गई। पिछले महीने के आखिर में आए विनाशकारी भूकंप के कारण अबतक करीब 8000 लोगों की मौत हो चुकी है।
इसके अलावा मशहूर ट्रेकिंग एरिया लांगटांग में भारी भूस्खलन और हिमस्खलन की वजह से बचाव कार्य में मुश्किल आ रही है। नेपाल की आर्मी ने इस इलाके से 90 शवों को निकाला है जिनमें नौ विदेशों नागरिकों के हैं।
आज देर रात एक बज कर 50 मिनट पर आए 4.2 तीव्रता के भूकंप का केंद्र काठमांडू से 100 किमी पूर्व में सिंधुपालचौक जिले में था। सिंधुपालचौक नेपाल में भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में से एक है। तड़के दो बज कर 44 मिनट पर चार तीव्रता का एक और झटका आया जिसका केंद्र उदयपुर जिले में था। काठमांडू स्थित नेशनल सिस्मोलॉजिकल सेंटर के अनुसार, तीसरे झटके की तीव्रता 4.4 थी और यह सुबह छह बज कर 34 मिनट पर आया जिसका केंद्र सिंधुपालचौक/तिब्बत में था।
इन तीनों झटकों से अबतक किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। 25 अप्रैल को आए विनाशकारी भूकंप की तीव्रता रिक्टट स्केल पर 7.9 थी। तब से हिमालयी देश में रिक्टर पैमाने पर चार या अधिक तीव्रता वाले 156 से अधिक झटके आ चुके हैं।