अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर 90 दिनों में कब्जा कर सकते हैं तालिबान

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान  90 दिनों में कब्जा कर सकते हैं. इसकी संभावना तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के दो तिहाई हिस्से सहित राजधानी काबुल से 140 मील उत्तर में प्रमुख अफगान शहर पुल-ए-खुमरी पर कब्जा करने के बाद बढ़ गई है.

एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने अमेरिकी खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा, इस्लामवादियों ने अब अफगानिस्तान के 65% हिस्से पर कब्जा कर लिया है और 11 प्रांतीय कैपिटल्स पर कब्जे की धमकी दी है. अमेरिका ने यह भी माना है कि अब तालिबान को रोकना मुश्किल है.

दूसरी तरफ अफगानिस्तान में तालिबान ने तीन और सूबों की राजधानियों और सेना के स्थानीय मुख्यालय पर कब्जा कर लिया है. इसके साथ ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से पर चरमपंथी संगठन का पूर्ण कब्जा हो गया है. इसके साथ ही अब तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान का दो तिहाई हिस्सा चला गया है.

तालिबान का कब्जा दो दशक की लड़ाई के बाद अमेरिकी और नाटो सैनिकों की अंतिम वापसी के बीच हुआ है.पूर्वोत्तर में बदकशान और बगलान सूबे की राजधानी से लेकर पश्चिम में फराह प्रांत तक तालिबान के कब्जे में चला गया है जिससे देश की संघीय सरकार पर अपनी स्थिति मजबूत करने का दबाव बढ़ गया है क्योंकि कुंदुज प्रांत का अहम ठिकाना भी उसके हाथ से निकल गया है.

अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के कब्जे वाले इलाके से घिरे बाल्ख सूबा गए हैं ताकि तालिबान को पीछे धकेलने के लिए स्थानीय सरदारों से मदद मांगी जा सके. तालिबान की बढ़त से फिलहाल काबुल पर सीधे तौर पर खतरा नहीं है लेकिन उसकी गति से सवाल पैदा हो रहे हैं कि अफगान सरकार कब तक अपने दूर दराज के इलाकों पर नियंत्रण रख सकेगी.

कई मोर्चों पर सरकार के विशेष कार्रवाई बलों के साथ लड़ाई चल रही है जबकि नियमित सैनिकों के लड़ाई के मैदान से भागने की खबरे भी आ रही हैं. हिंसा की वजह से हजारों की संख्या में लोग शरण के लिए राजधानी पहुंच रहे हैं.

इस महीने के अंत तक अपने सैनिकों की वापसी पूरा करने वाला अमेरिका कुछ हवाई हमले कर रहा है लेकिन खुद को जमीनी लड़ाई में शामिल करने से बच रहा है.  अफगान सरकार और सेना ने इस हार पर टिप्पणी नहीं की है.

पश्चिमी सूबे फराह के सांसद हुमायूं शहीदजादा ने बुधवार को पुष्टि की कि फराह नाम से ही जानी जाने वाली सूबे की राजधानी तालिबान के कब्जे में चली गई है. हाल में पड़ोसी सूबे निमरोज पर तालिबान ने एक सप्ताह के अभियान के बाद कब्जा कर लिया था.

फराह में तालिबान लड़ाके अफगान सुरक्षा बल के एक सैनिक का शव सड़क पर घसीटते नजर आए और इस दौरान वे ईश्वर महान है के नारे लगा रहे थे.तालिबान लड़ाकों के पास एम-16 राइफलें थी और वे राजधानी की सड़कों पर हमवीस फोर्ड पिकअप ट्रक चल रहा रहे थे जिसे अमेरिकियों ने दान किया था.

एक तालिबानी लड़ाके ने पहचान जाहिर नहीं करते हुए कहा शहर में स्थिति नियंत्रण में हैं. हमारे मुजाहिदीन शहर में गश्त कर रहे हैं. वहीं फराह में दिनभर गोलियों की चलने की आवाज आती रही. बदकशान के सांसद हुजातुल्ला खेरादमंद ने बताया कि तालिबान ने उनके सूबे की राजधानी फैजाबाद पर कब्जा कर लिया है.

एक अफगान अधिकारी ने पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि बगलान की राजधानी पोली खुमरी भी तालिबानियों के कब्जे में चली गई है और भारी नुकसान हुआ है.तालिबान ने एक वीडियो शेयर किया है जिसमें सैनिकों को आत्मसमर्पण करते हुए दिखाया गया है.

अफगान नेशनल आर्मी के सात कमान में कुंदुज कमान एक था और उसके तालिबान के कब्जे में जाने को बड़ा नुकसान माना जा रहा है. हालांकि, अबतक स्पष्ट नहीं है कि सेना ने अपने पीछे कितना सामान छोड़ा है. तालिबान की बढ़त के बाद इलाका छोड़ आए आम नागरिकों ने बताया कि चरमपंथी समूह ने महिलाओं पर पांबदी लगाई है और स्कूलों को जला दिया है.

तालिबान के कब्जे वाले इलाके में बदले की कार्रवाई के तहत हत्याओं के मामले भी सामने आए हैं.अफगानिस्तान में तालिबान के हमले के बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी ने सेना प्रमुख को बदल दिया है.

देश के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों में भी यह बात कही गई है. रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि जनरल हिबतुल्लाह अलीजई ने जनरल वली अहमदजई की जगह अफगान सेना प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण किया है.

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