अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे से पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. लोगों को डर लगने लगा है कि अफगानिस्तान में फिर से पहले जैसा दहशत का दौर न वापस लौट आए जिससे अन्य मुल्कों पर भी इसका असर पड़े. लेकिन तालिबान लगातार विकास और लोगों का शासन लाने की बात कर रहा है.
अब उसने कश्मीर मुद्दे को लेकर भी बयान दिया है.सूत्रों के मुताबिक तालिबान ने कश्मीर मुद्दे को भारत और पाकिस्तान के बीच का आंतरिक मसला बताया है. तालिबान की ओर से कहा गया है कि कश्मीर उनके एजेंडे में शामिल नहीं है और ये दो देशों के बीच का मुद्दा है.
हालांकि पाकिस्तान में पनाह लिए हुए लश्कर-ए-तैयबा और तहरीक ए तालिबान जैसे आतंकी संगठनों की मौजूदगी अफगानिस्तान में भी है. काबुल के कुछ इलाकों में तालिबान की मदद से इनके चेक पोस्ट भी बने हुए हैं.
अफगानिस्तान में तालिबान की एंट्री के बाद से कश्मीर में भी सुरक्षा बंदोबस्त पुख्ता किए जा सकते हैं. कश्मीर में LoC से तालिबान की मौजूदगी अब करीब 400 किलोमीटर की दूरी पर रह गई है. साथ ही पहले भी कंधार हाई जैक जैसी वारदातों में तालिबान ने पाकिस्तानी आतंकियों की मदद की थी.
सूत्रों के मुताबिक तालिबान में पाकिस्तानी आतंकियों की मौजूदगी को लेकर भी भारत सतर्क है. ताजा हालात में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI तालिबान को अपने प्रभाव में लेने की कोशिश कर सकती है लेकिन सत्ता पर काबिज होने के बाद यह काफी मुश्किल हो सकता है.इससे पहले तालिबान की ओर से भारत को अफगानिस्तान में चल रहे अपने प्रोजेक्ट जारी रखने की अपील की गई थी.
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने पाकिस्तानी न्यूज चैनल से बातचीत में कहा है कि भारत को अफगानिस्तान में अपने प्रोजेक्ट्स पूरे करने चाहिए, क्योंकि वे सभी काम यहां की जनता के लिए हैं.भारत फिलहाल अफगानिस्तान में कई विकास परियोजनाओं पर काम कर रहा है. भारत की ओर से वहां करीब 3 अरब डॉलर का निवेश किया गया है.