जापान में आए शक्तिशाली भूकंप के कारण फुकुशिमा परमाणु संयंत्र संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं। सुनामी के कारण पांच साल पहले यह संयंत्र नष्ट हो गया था। अधिकारियों ने सुनामी संबंधी चेतावनी की थी और लोगों से अपील की थी कि वे तत्काल उंचाई पर स्थित स्थानों में चले जाएं जिसके बाद कई कारों को तड़के से पहले तट से दूर जाते देखा गया।
जापान के उसी इलाके में 7.4 तीव्रता का भूकंप आया जहां 2011 में सुनामी के कारण हुई तबाही में करीब 18,000 लोगों की मौत हो गई थी। जापानी प्रसारणकर्ता एनएचके ने बताया कि लोगों को मामूली चोटें लगने और नुकसान होने की रिपोर्ट मिली है। भूकंप के केंद्र से 240 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम में स्थित तोक्यो में इमारतें हिल गईं।
तट के पास आज सुनामी की लहरें दर्ज की गईं। सुनामी की सर्वाधिक उंची 1.4 मीटर लहर सेंदाई बे में उठी। तट के पास एक मीटर तक की लहर उठने का सुनामी परामर्श अभी लागू है। फुकुशिमा दाइची संयंत्र के ऑपरेटर ने कहा कि संयंत्र में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं देखी गई। तट के पास एक मीटर उंची लहर उठी।
यह संयंत्र 2011 में आई सुनामी में तबाह हो गय था, तीन परमाणु संयंत्रों में गड़बड़ी होने के कारण विकिरण का रिसाव होकर आस पास के इलाकों में फैल गया था। इस संयंत्र का संचालन बंद किया जा रहा है लेकिन स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है क्योंकि इस बात का पता नहीं चल पा रहा है कि अब भी रेडियोधर्मी ईंधन की छड़ एवं मलबे को कैसे हटाया जाए और पिघले संयंत्र कोर का क्या किया जाए।
संयंत्र के ऑपरेटर टीईपीसीओ ने बताया कि फुकुशिमा दाइची संयंत्र के निकट ‘स्पेंट फ्यूल पूल’ (परमाणु संयंत्र में इस्तेमाल किए जा चुके इंधन के भंडार) को ठंडा करने के लिए जलापूर्ति करने वाले पंप ने काम करना बंद कर दिया है लेकिन एक अतिरिक्त पम्प को चालू कर दिया गया है।