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जापान और ऑस्ट्रेलिया ने अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई

जापान और ऑस्ट्रेलिया के विदेश और रक्षा मंत्रियों ने बुधवार को अपने सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई।एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विवादित इलाकों पर चीन के बढते दावों की पृष्ठभूमि में यह कदम उठाया जा रहा है।

जापान के विदेश मंत्री तोशिमित्सू मोतेगी ने ऑनलाइन बातचीत के बाद संवाददाताओं से कहा कि अधिकारियों ने पूर्वी और दक्षिण चीन सागरों में चीन की गतिविधि को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चुनौती मानते हुए इस संबंध में अपनी चिंताएं साझा कीं।

जापान अपने नियंतण्रवाले सेनकाकू द्वीप के पास चीन के तटरक्षक की मौजूदगी को लेकर उससे नियमित विरोध दर्ज कराता है।चीन भी इस द्वीप पर दावा करता है और इसे दियाओयू कहता है। जापान के अधिकारियों के अनुसार चीन के पोत नियमित रूप से इस द्वीपसमूह के आसपास जापान के जलक्षेत्र का उल्लंघन करते हैं और कई बार मछली पकड़ने वाली नौकाओं को धमकाते हैं।

जापान और चीन में क्षेत्र में समुद्र के अंदर के संसाधनों के विकास को लेकर भी विवाद है।जापान और ऑस्ट्रेलिया ने एक संयुक्त बयान में दक्षिण चीन सागर में हालिया नकारात्मक घटनाक्रम और गंभीर घटनाओं पर गंभीर चिंता जताई। मोतेगी ने कहा हम चीन द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास पर कड़ा विरोध दर्ज कराते हैं।

उन्होंने कहा कि चारों मंत्रियों ने हांगकांग तथा पश्चिमी शिनझियांग क्षेत्र में चीन के मानवाधिकार दुरुपयोग को लेकर भी गंभीर चिंता प्रकट की जहां उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पंसख्यक निवास करते हैं।

बयान में चीन से संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार उच्चायुक्त समेत स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों को शिनझियांग आने देने में सुगमता प्रदान करने की मांग भी की गयी है।जापान और ऑस्ट्रेलिया रक्षा सहयोग समझौते के अंतिम स्तर पर हैं जिसके तहत जापानी आत्मरक्षा बल ऑस्ट्रेलियाई सैन्य परिसंपत्तियों की रक्षा करेंगे।

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