चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर फिंगर 4 एरिया को खाली करना शुरू कर दिया है। कहा जाता है कि चीनी आर्मी इस पर कब्जा जमाए बैठी थी। इसके साथ ही वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति में बदलाव किया था।अब चीनी सैनिक अपने हटे रहने के लिए बनाए गए आश्रय को नष्ट कर रहे हैं।
झील के दक्षिणी तट पर तैनात किए गए टैंक भी दोनों देशों की सेनाओं द्वारा वापस बुला लिए गए हैं। यह भारत और चीन के बीच एलएसी के पास कई बिंदुओं पर चल रहे गतिरोध को खत्म करने के लिए सैनिकों के पीछे हटने संबंधी समझौते के अनुसार हो रहा है।
समझौते में कहा गया है कि चीनी सैनिक फिंगर 8 पर वापस चले जाएंगे और भारतीय सेना पैंगोंग झील के उत्तरी तट के फिंगर 2 और 3 के बीच धन सिंह थापा पोस्ट पर वापस आ जाएगी। इसके अलावा, पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त सहित सैन्य गतिविधियों पर एक अस्थायी रोक होगी।
झील में पास स्थित पर्वत को कई सैन्य टुकड़ियों में विभाजित है, जिसे फिंगर्स कहा जाता है। झील के उत्तरी किनारे को आठ फिंगर्स में बांटा गया है। भारत ने फिंगर 8 तक अपने क्षेत्र का दावा किया है, जबकि चीन का कहना है कि फिंगर 4 तक क्षेत्र उसका है।
यही वजह है कि दोनों देशों की सेनाओं का कई बार आमना सामना हो चुका है। झील के उत्तरी तट पर आठ किलोमीटर की दूरी पर फिंगर 4 और फिंगर 8 के बीच दो सेनाओं के बीच नियमित रूप से आमने-सामने वाली स्थिति बनती आई है।
फिंगर 4 क्षेत्र में सैनिकों की संख्या में काफी कमी हो गई है। पीएलए अपनी नौकाओं को झील से निकाल रहा है। चीन ने एलएसी पर यथास्थिति को बदलने के लिए फिंगर 4 पर और झील के दक्षिणी क्षेत्र में सेना के साथ अन्य सुविधाओं में इजाफा किया था।
झील के पास फिंगर 8 क्षेत्र से परे नावों को तैनात किया गया था। एक बार जब सैनिकों की वापसी सुनिश्चित हो जाएगी, तब दोनों पक्षों की ओर से गश्त फिर से शुरू की जाएगी। इसके अलावा भारतीय और चीनी सेना झील के दक्षिणी किनारे से भी पीछे हटने लगी है, जहां दोनों देशों के जवान आमने-सामने थे।
भारत और चीनी सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा पर लगभग 10 महीने से आमने-सामने है और दोनों देश फिलहाल गतिरोध को समाप्त करने के लिए कदम उठा रहे हैं।