बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि उन्हें यूक्रेन में लड़ाई से गहरा दुख हुआ है। हमारी दुनिया एक-दूसरे पर इतनी ज्यादा निर्भर हो गई है कि दो देशों के बीच हिंसक संघर्ष अनिवार्य रूप से बाकी दुनिया को प्रभावित कर रहे हैं।नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने एक बयान में कहा युद्ध पुराने हो गए है। अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है।
हमें अन्य लोगों को भाई-बहन मानकर मानवता की एकता की भावना विकसित करने की जरूरत है। इस तरह हम ज्यादा शांतिपूर्ण दुनिया का निर्माण करेंगे।उनका मानना है कि बातचीत के माध्यम से समस्याओं और असहमति का सबसे अच्छा समाधान किया जाता है।
वास्तविक शांति आपसी समझ और एक-दूसरे की भलाई के लिए सम्मान के जरिए आती है।हमें उम्मीद नहीं खोनी चाहिए। 20वीं सदी युद्ध और रक्तपात की सदी थी। 21वीं सदी संवाद की सदी होनी चाहिए।उन्होंने प्रार्थना की है कि यूक्रेन में जल्दी शांति बहाल हो।