सीरिया के एयरबेस पर अमेरिका ने क्रूज मिसाइलें दागी

अमेरिका ने सीरिया के एयरबेस पर क्रूज मिसाइलें दागी हैं। हाल ही में सीरिया में हुए केमिकल अटैक के चलते डोनाल्ड ट्रम्प ने ये ऑर्डर दिए हैं। इस बात की जानकारी एक यूएस अफसर ने गुरुवार को दी। बता दें कि 4 अप्रैल को सीरिया के एक शहर में हुए केमिकल अटैक में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी।न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, प्रेसिडेंट पोस्ट संभालने के बाद से ट्रम्प लगातार फॉरेन पॉलिसी क्राइसिस से जूझ रहे हैं। सीरिया पर उनके एक्शन को अब तक का सबसे टफ एक्शन माना जा सकता है।

ताजा जानकारी के मुताबिक अमेरिकी मिसाइलों ने शायरत एयरबेस को निशाना बनाया है। यूएस का मानना है कि सीरिया के विद्रोहियों वाले इलाके में जो रासायनिक हमले किए गए थे वो इसी एयरबेस से किए गए थे।सीरियाई स्टेट टीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी मिसाइलों ने कई मिलिट्री बेस को निशाना बनाया है। काफी तेज हमले किए जा रहे हैं।

यूएस ऑफिशियल के मुताबिक, यूएस नेवी ने करीब 50 टॉमहॉक मिसाइलें मेडिटेरेनियन सी (भूमध्य सागर) में दागीं। सीरिया के होम्स स्थित एक एयरबेस को टारगेट किया जा रहा है।ट्रम्प ने सभी सिविलाइज्ड देशों से साथ आने की अपील की है ताकि सीरिया में नरसंहार को रोका सके।चीनी प्रेसिडेंट शी जिनपिंग अमेरिका के दौरे पर हैं। उन्होंने गुरुवार को फ्लोरिडा के मार-ए-लेगो रिजॉर्ट में ट्रम्प से बात की थी।

इसी दौरान ट्रम्प ने कहा था सीरिया को लेकर कोई फैसला हो सकता है। असद को लेकर व्हाइट हाउस और पेंटागन (यूएस डिफेंस डिपार्टमेंट) मिलिट्री ऑप्शन पर विचार कर सकता है।4 अप्रैल को सीरिया के नॉर्थ-वेस्ट इदलिब प्रोविन्स में हवाई हमलों के बाद उठी जहरीली गैस से करीब 100 लोगों की मौत हो गई। इनमें 11 बच्चे शामिल थे। अटैक में 400 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। 

सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के मुताबिक, अटैक विद्रोहियों के कब्जे वाले खान शेखौन शहर में किया गया।शक जताया गया था कि यह केमिकल अटैक है और इसके पीछे सीरिया या रूस की सेना है। उधर रूस ने गुरुवार को कहा कि अटैक सीरिया की सेना ने किया था।हाल ही में आईएसआईएस ने ट्रम्प को बेवकूफ करार दिया था। आईएस ने कहा था कि ट्रम्प सीरिया, इराक और इस्लाम के बारे में कुछ भी नहीं जानते हैं। उनका सत्ता में आना अमेरिका के दिवालिया होने का संकेत है। 

बता दें कि ट्रम्प के प्रेसिडेंट बनने के बाद ये पहला मौका है, जब आईएस ने उन पर कोई ऑफिशियल बयान जारी किया है। 
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस के स्पोक्सपर्सन अबु हसन अल मुहाजिर ने 36 मिनट के वीडियो के जरिए ट्रम्प पर निशाना साधा। इस वीडियो में ट्रम्प के लिए एक अरबी टर्म का इस्तेमाल किया गया है, जिसका मतलब अंग्रेजी में इडियट (बेवकूफ) है। 

हसन ने वीडियो मैसेज में कहा कि अमेरिका डूब गया है और उसे बचाने वाला कोई नहीं हैं। ये सब को बिल्कुल साफ नजर आ रहा है।हसन ने कहा इससे बड़ी कोई सच्चाई नहीं है कि अमेरिका को एक इडियट (बेवकूफ) चला रहा है, जिसे सीरिया, इराक और इस्लाम के बारे में कुछ भी नहीं पता। वो लगातार इस्लाम के खिलाफ नफरत और जंग की बात कर रहा है।

2011 में हुई एक छोटी-सी घटना ने सीरिया में सिविल वॉर का रूप ले लिया। कुछ मुट्ठीभर बच्चों की गिरफ्तारी से शुरू हुआ ये संघर्ष सेकंड वर्ल्ड वॉर के बाद दुनिया के लिए अब तक का सबसे बड़ा ह्यूमन क्राइसिस बन चुका है।प्रेसिडेंट बशर अल असद के खिलाफ शुरू हुए हिंसक प्रदर्शनों और संघर्ष में अब तक करीब तीन लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।जुलाई 2011 में सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए सीरियन आर्मी के अफसरों के एक ग्रुप ने सेना छोड़ फ्री सीरियन आर्मी का गठन किया।

दिसंबर 2011 से लेकर 2012 तक जगह-जगह सुसाइड बम ब्लास्ट हुए। इसके बाद अल कायदा के लीडर अयमान अल जवाहिरी ने सीरियाई लोगों से जिहाद के लिए आगे आने की अपील की। बीते दो साल में आईएस ने भी अपने आतंकी भेजने शुरू कर दिए।असद के लिए सीरिया डेमोक्रेटिक फोर्सेस (एसडीएफ) को रूस और ईरान सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं, अमेरिका पर आरोप है कि वह असद के खिलाफ विद्रोहियों की मदद कर रहा है।

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