अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. बाइडेन ने साफ कर दिया है कि कश्मीर को लेकर उनकी नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा. पाकिस्तान उम्मीद लगाए बैठा था कि अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद जम्मू-कश्मीर को लेकर वॉशिंगटन की नीति में उसके अनुरूप बदलाव आएगा, क्योंकि बाइडेन के रिश्ते पाकिस्तान से अच्छे रहे हैं.
लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक ही झटके में पाकिस्तान की उम्मीदों को चकनाचूर कर दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उसकी जम्मू-कश्मीर संबंधी नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है. इसके साथ ही अमेरिका ने घाटी में 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा की बहाली का स्वागत किया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि जम्मू-कश्मीर को लेकर अमेरिका की नीति में कोई बदलाव नहीं किया गया है.इससे पहले, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने ट्वीट करके जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सुविधा के बहाल होने का स्वागत किया.
ट्वीट में कहा गया है कि भारत के जम्मू-कश्मीर में 4G इंटरनेट सुविधा बहाल होने का हम स्वागत करते हैं. यह स्थानीय निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है और हम राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राजनीतिक एवं आर्थिक प्रगति जारी रखने को लेकर आशावान हैं.
पूरे जम्मू-कश्मीर में पांच फरवरी से 4G मोबाइल इंटरनेट सेवा पुन: बहाल कर दी गई है. अगस्त 2019 में केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाकर इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था, जिसके बाद सुरक्षा के मद्देनजर 4G इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी. राज्य में इंटरनेट की स्पीड कम होने से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था.
हालांकि, इस कदम ने आतंकी नेटवर्क को कमजोर करने में अहम भूमिका निभाई है.पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को लेकर अमेरिकी बयान पर निराशा जाहिर की है. पाकिस्तान को इस बात से भी मिर्ची लगी है कि अमेरिका ने 4G नेटवर्क बहाली को लेकर किए ट्वीट में जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा माना है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के दर्जे को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनेक प्रस्तावों में और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के जरिए विवादित माना गया है, ऐसे में यह जिक्र असंगत है.
पाकिस्तान ने जो बाइडेन को अपने दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान हिलाल-ए-पाकिस्तान’ से नवाज रखा है. ये सम्मान उन्हें लगातार पाकिस्तान का समर्थन करने के लिए मिला था. बता दें कि 2008 में जब बाइडेन को यह सम्मान मिला, उससे कुछ महीने पहले ही बाइडेन और सीनेटर रिचर्ड लुगर पाकिस्तान को हर साल डेढ़ बिलियन डॉलर की गैर-सैन्य मदद का प्रस्ताव लाए थे.
इसके साथ ही बाइडेन ने कश्मीर को लेकर भी पाकिस्तान की पसंद के बयान दिए थे. इसलिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को उम्मीद थी कि अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद जो बाइडेन का झुकाव उनकी तरफ होगा. बाइडेन की जीत पर पाकिस्तान ने खुशी भी जाहिर की थी, लेकिन US प्रेसिडेंट ने उसकी यह खुशी एक ही झटके में गायब कर दी है.