बराक ओबामा आज पहली बार जाएंगे मस्जिद

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राष्ट्रपति बराक ओबामा राष्ट्रपति पद के अपने कार्यकाल में पहली बार अमेरिका की एक मस्जिद का दौरा करेंगे और समुदाय के नेताओं से बातचीत करेंगे। राष्ट्रीय राजधानी के पास स्थित मस्जिद में ओबामा का यह दौरा एक ऐसे समय पर हो रहा है जबकि मुस्लिम समुदाय के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है और विशेष तौर पर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के रिपब्लिकन दावेदारों की ओर से इस्लाम विरोधी बयान दिए जा रहे हैं।

यह पहली मौका है, जब ओबामा देश के भीतर किसी मस्जिद का दौरा करेंगे। विदेशों में वह मस्जिदों का दौरा कर चुके हैं।व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति के लिए यह मुस्लिम-अमेरिकियों द्वारा हमारे देश के लिए दिए गए योगदान का जश्न मनाने का मौका होगा। इसके साथ ही यह हमारे जीवन जीने के तरीके में धार्मिक स्वतंत्रता के महत्व को दोहराने का भी मौका होगा। उन्होंने कहा कि देश की राजनीतिक बहस में इस बारे में हमेशा से कुछ चर्चा रही है।

मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का दौरा इन दोनों चीजों को रेखांकित करने वाला एक अहम क्षण है। जब अर्नेस्ट से पूछा गया कि क्या ओबामा हिंदू मंदिर या गुरूद्वारा जाने का भी सोच रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसे किसी अतिरिक्त दौरे की जानकारी नहीं है, जिसकी घोषणा मैं यहां से कर सकूं।अर्नेस्ट ने कहा कि आप यह उम्मीद कर सकते हैं कि अपने संबोधन में राष्ट्रपति जिस भाषा या संदेश को शामिल करने वाले हैं, उसका मूल यही होगा कि अमेरिका की धार्मिक विविधता हमारी मजबूती में योगदान करती है।

उन्होंने कहा कि विविधता को महत्व देकर अमेरिका उन चुनौतियों से उबर सकता है, जिनसे दूसरे देश पार पाने में नाकाम साबित हो रहे हैं। इस विविधता को हमें संजोकर रखना चाहिए और स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए हमें मेहनत करनी चाहिए। राष्ट्रपति इस सिद्धांत के प्रति निश्चित तौर पर प्रतिबद्ध हैं। अर्नेस्ट ने कहा कि ओबामा का मस्जिद दौरा एक ऐसी बहस को खड़ा करने का काम करेगा, जिसे वह जरूरी मानते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि राष्ट्रपति इस तरह के दौरे को देश के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।

यह हमारे देश की स्थापना के मूल धार्मिक सहिष्णुता और धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्य के उत्थान का एक अहम तरीका है। उन्होंने कहा कि यह हमारे देश की सफलता में सभी तबकों के मुस्लिमों की ओर से दिए गए अहम योगदानों पर चर्चा करने का भी एक अहम तरीका है। अर्नेस्ट ने कहा कि मुस्लिम अमेरिकियों ने विभिन्न तरीकों से अमेरिका को कीमती योगदान दिए हैं। ये लोग हमारे दोस्त भी हो सकते हैं और पड़ोसी भी, खिलाड़ी भी हो सकते हैं और अमेरिकी सेना में कार्यरत सैनिक भी।

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