भारतीय कम्युनिकेशन सैटेलाइट GSAT-17 को इसरो ने लॉन्च किया। इसे एरियन-5 रॉकेट के जरिए स्पेस में भेजा गया। लॉन्चिंग फ्रेंच गुयाना (साउथ अमेरिका) के स्पेस पोर्ट कोरू से बुधवार रात 2.45 बजे हुई। इसके 39 मिनट बाद रॉकेट ने सैटेलाइट को अलग कर दिया। बता दें कि एक महीने में इसरो के तीसरे मिशन को कामयाबी मिली है। कुछ दिन पहले श्रीहरिकोटा से GSLV mk-3 और PSLV- C38 की लॉन्चिंग हुई थी।
लॉन्चिंग के बाद एरियनस्पेस के सीईओ स्टीफन इजराइल ने ट्वीट कर बधाई दी। इसके बाद विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर डॉ. के श्रवण ने उन्हें धन्यवाद दिया।जीसैट-17 का वजव करीब 3,477 किलोग्राम है। यह नॉर्मल सी बैंड, एक्टेंडेड सी बैंड और एस बैंड में कई तरह की कम्युनिकेशन सर्विस के लिए काम करेगा।
इसरो ने कहा-जीसैट-17 के अपने साथ मौसम की जानकारी और सैटेलाइट बेस्ड रेस्क्यू से जुड़ी जानकारियां देने वाले इक्विपमेंट्स भी लेकर गया है। पहले इनसैट सैटेलाइट ये सर्विस देते थे।इसरो ज्यादा वजन वाले सैटेलाइट की लॉन्चिंग Ariane-5 रॉकेट से करता है, लेकिन अब हम इस काम के लिए GSLV Mk III पर काम कर रहे हैं।
जीसैट-17 से पहले स्पेस एजेंसी 17 टेलिकम्युनिकेशन सैटेलाइट स्पेस में भेज चुकी है।5 जून को इसरो ने GSLV mk-3 का कामयाब टेस्ट किया था। इसके साथ जीसैट-19 सैटेलाइट भेजे गए। मार्क-3 5000 किलो वजनी सैटलाइट लेकर जाने की ताकत रखता है।
गुरुवार को GSAT-17 की लॉन्चिंग के लिए पहले ही विदेशी स्पेस एजेंसी से करार हो चुका था। तब इसरो के पास ज्यादा वजनी सैटलाइट स्पेस में ले जाने वाला रॉकेट नहीं था।वहीं, 23 जून को PSLV-C38 के जरिए कार्टोसैट के साथ 30 सैटलाइट्स लॉन्च किए थे।