Conversation between Krishna and Arjuna in the Gita : जीव किसी भी भाव से उनकी शरण ले ले वे उसका कल्याण कर देते हैं।जीव तभी तक अपवित्र है जब तक वह ठाकुर जी से सम्बन्ध नहीं रखता है।भगवद बिमुख जबतक हम हैं तबतक वासना, लोभ, क्रोध, पाप कर्म के विचार हमारा पीछा नहीं छोड़ते हैं। गीता में भगवान् अर्जुन को …
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