वास्तविक नाम बदरीनाथ था। आपका जन्म सियालकोट (वर्तमान पाकिस्तान) में १८९६ में हुआ था। सुदर्शन की कहानियों का मुख्य लक्ष्य समाज व राष्ट्र को स्वच्छ व सुदृढ़ बनाना रहा है। प्रेमचन्द की भांति आप भी मूलत: उर्दू में लेखन करते थे व उर्दू से हिन्दी में आये थे। सुदर्शन की भाषा सहज, स्वाभाविक, प्रभावी और मुहावरेदार है। सुदर्शन प्रेमचन्द परम्परा …
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भीष्म साहनी
प्रगतिवादी आन्दोलन 1930 के बाद उभर रहे यथार्थवादी परिणामों व परिस्थितियों को विकसित करने वाला आन्दोलन था। इस आन्दोलन ने सामाजिकता से परिपुष्ट यथार्थवादी कथा साहित्य की नींव रखी। प्रगतिवादी साहित्य को प्रारम्भिक दौर में रचना की दृष्टि से नेतृत्व व निर्देशन प्रेमचन्द, पंत, निराला और उग्र से मिला परन्तु उपन्यास के माध्यम से मार्क्सवादी विचारों को जनता तक पहुँचाने …
Read More »मुंशी प्रेमचंद
जन्म प्रेमचन्द का जन्म ३१ जुलाई सन् १८८० को बनारस शहर से चार मील दूर लमही गाँव में हुआ था। आपके पिता का नाम अजायब राय था। वह डाकखाने में मामूली नौकर के तौर पर काम करते थे। जीवन धनपतराय की उम्र जब केवल आठ साल की थी तो माता के स्वर्गवास हो जाने के बाद से अपने जीवन के …
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