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Principles of Jainism – जैन धर्म के सिद्धांत

निवृत्तिमार्ग जैन धर्म भी बौद्ध धर्म के समान निवृत्तिमार्गी था। संसार के समस्त सुख दु:ख मूलक हैं। मनुष्य आजीवन तृष्णाओं के पीछे भागता रहता है। वास्तव में यह मानव शरीर ही क्षणभंगुर है। जैन धर्म इन दु:खों से छुटकारा पाने हेतु तृष्णाओं के त्याग पर बल देता है। वह मनुष्यों को सम्पत्ति, संसार, परिवार आदि सब का त्याग करके भिक्षु …

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