पराजयो वा मृत्युर्वा श्रेयान् मृत्युर्न निर्जयः। विजितारयो ह्येते शस्त्रोपसर्गान्मृतोपमाः।। अर्थात : जिसने अस्त्र डाल दिए हों, आत्मसमर्पण कर दिया वे सभी शत्रु विजित ही हैं, वे मृत के समान ही हैं– अश्वत्थामा महाभारत में द्रोण पुत्र अश्वत्थामा एक ऐसा योद्धा था, जो अकेले के ही दम पर संपूर्ण युद्ध लड़ने की क्षमता रखता था। कौरवों की सेना में एक से …
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