मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के बाद अब एक नए वायरस की एंट्री हुई है, जिसके चलते स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ गई है. दरअसल जबलपुर में पिछले कुछ दिनों में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती हुए हैं, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है.
शिशु रोग विशेषज्ञ इसे आरएसवी यानी रेस्पिरेट्री सिन्सिशीयल वायरस बता रहे हैं. ये वायरस खासतौर पर 2 साल तक के बच्चों पर अटैक कर रहा है. इसके चलते बच्चों को सीने में इंफेक्शन हो जाता है. जिसके बाद बच्चे को सांस लेने में तकलीफ शुरू हो जाती है. शिशु रोग विशेषज्ञों का कहना है कि ये वायरस मौसम में बदलाव के कारण बच्चों को अपना शिकार बनाता है.
इससे बच्चों में सर्दी खांसी और फिर सांस की नली में सूजन की परेशानी होती है, जिसके चलते सांस लेने में परेशानी देखने को मिलती है. इसके अलावा कुछ केस में लूज मोशन और निमोनिया के लक्षण भी दिखते हैं. RSV का खतरा सबसे ज्यादा दो महिने से लेकर 2 साल तक के बच्चों को है.आरएसवी एक सांस की बीमारी है, जो दो साल तक के बच्चों में अक्सर देखी जाती है.
ज्यादातर लोगों के लिए ये वायरस नाक बहने और खांसी और सर्दी जैसी बीमारी का कारण बनता है. आम तौर पर ये वायरस एक या दो हफ्ते में ठीक हो जाता है, लेकिन कोरोना के चलते इस साल इसने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है. जबलपुर में बड़ी संख्या में बच्चे इसके शिकार हो रहे हैं, जिसके चलते विभाग अलर्ट मोड पर है.