मध्यप्रदेश में नकली रेमडिसिविर इंजेक्शन मामले में अब जांच का दायरा और अधिक बढ़ सकता है. क्योंकि संस्कारधानी जबलपुर में गुजरात पुलिस पहुंच चुकी है. आज सुबह पहुंची गुजरात पुलिस की टीम में आठ से दस सदस्य बताए जा रहे हैं.
जो आरोपी सपन जैन को भी साथ में लेकर जबलपुर पहुंची है. आपको बता दें कि कंट्रोल रूम में आरोपी सपन जैन के साथ जबलपुर पुलिस और गुजरात पुलिस पूछताछ में जुटी हुई है. ऐसे में माना जा रहा है कि आरोपी सपन जैन के माध्यम से कई खुलासे भी हो सकते हैं.
इसके साथ ही कुछ स्थानों पर दबिश भी देखने को मिल सकती है.आपको बता दें कि गुजरात पुलिस द्वारा बीती 7 मई को भगवती फार्मा के मालिक सपन जैन को गिरफ्तार किया था. पुलिस उसे गुजरात लेकर गई थी.
जहां सपन जैन द्वारा सिटी हॉस्पिटल की संचालक सरबजीत सिंह मोखा और हॉस्पिटल के मैनेजर देवेश चौरसिया के नाम बताए थे. जिसके बाद जबलपुर पुलिस द्वारा जांच के बाद दोनों आरोपियों के साथ सपन जैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.
ऐसे में जबलपुर पहुंची गुजरात पुलिस स्थानीय पुलिस के माध्यम से इस रैकेट को पूरी तरह से बेनकाब करने में जांच पड़ताल कर रही है. मामले में जबलपुर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि गुजरात पुलिस को हर तरह का सहयोग दिया जाएगा.
ताकि इस रैकेट से जुड़े हुए लोगों को बेनकाब किया जा सके और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई भी की जा सके. पुलिस अधीक्षक के अनुसार जबलपुर पुलिस भी गुजरात जाएगी और जानकारी साझा करेगी.
गौरतलब है कि मामले में सरबजीत सिंह मोखा और देवेश चौरसिया के खिलाफ एनएसए की कार्यवाही की गई है और उन्हें जेल भेजा गया है. वही सपन जैन के माध्यम से गुजरात से जबलपुर यह नकली इंजेक्शन मंगवाए गए थे ऐसे में कितने इंजेक्शन अस्पतालों में खपाये गए.
और कितने हॉस्पिटल इस रैकेट में शामिल है. क्या मध्य प्रदेश के अन्य शहरों में भी इन जहरीले इंजेक्शन को पहुंचाया गया है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब आज सामने आ सकते हैं. फिलहाल दोनों ही राज्यों की पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है.