मध्य प्रदेश के करीब 66 हजार बिजली विभाग के कर्मचारी आज मोबाइल बंद हड़ताल पर हैं, इस दौरान इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी काम बंद रहेंगे. केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल का विद्युत कर्मचारी और अधिकारी विरोध कर रहे हैं, उसी के विरोध में सभी सामूहिक बहिष्कार करने वाले हैं.
इससे बिजली व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित होगी.बिजली कर्मचारी अधिकारी संघ के संयोजक व्ही के एस परिहार ने बताया कि सभी अधिकारी व कर्मचारी अपना मोबाइल बंद कर काम करेंगे. इस दौरान इमरजेंसी सुविधाओं को छोड़कर अन्य सभी काम पूरी तरह से बंद रहेंगे.
यूनाइडेट फोरम के अंतर्गत हो रही इस हड़ताल से बिजली कर्मचारी अपनी 20 मांगों को पूरा करवाने में लगे हुए हैं.इस बहिष्कार में 25 हजार नियमित कर्मचारी, 6 हजार संविदा कर्मचारी और 35 हजार बिजली आउटसोर्स कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करने वाले हैं.
संयोजक परिहार ने बताया कि सभी बिजली कर्मचारी इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल के खिलाफ हड़ताल पर है. उनका कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे इस बिल का संपूर्ण बिजली विभाग विरोध कर रहा है.
इस हड़ताल से मध्य प्रदेश के लोगों की परेशानी बढ़ सकती है, अगर समाधान जल्द नहीं हुआ तो राज्य में बिजली भी बंद हो सकती है. कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में लगे लॉकडाउन को हटाया गया.
जून के बाद से ही सरकारी कामकाज चालू कर दिए गए, लेकिन इस दौरान लोगों द्वारा बिजली विभाग की शिकायतें मिलने का दौर भी शुरू हो गया. लोगों ने कहा था कि बिना रीडिंग लिए अनुमानित ही बिजली बिल दिए जा रहे हैं. ये परेशानी थी ही कि अब कर्मचारी हड़ताल पर भी चले गए हैं.