जबलपुर के 2 SI और 2 सिपाही 172 बोतल शराब चुराते कैमरे में कैद

जबलपुर के वर्दीधारी काफी बदनाम हो रहे हैं। नोएडा कांड में जबलपुर पुलिस को पूरे देश में बदनाम किया। ताजा मामला गोरखपुर पुलिस थाना क्षेत्र का है। सब इंस्पेक्टर नीरज दुबे और सुधीर मिश्रा, आरक्षक राकेश बोहरे और जैनेद्र प्यासी के खिलाफ धारा 408 भादवि और 34 (2) आबकारी एक्ट के तहत FIR दर्ज की गई है।

आरोप है कि इन चारों ने मिलकर कंट्रोल रूम में रखी 172 बोतल शराब चुराई है।जानकारी के अनुसार गोरखपुर थाने में आबकारी कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी की ओर से मामले में शिकायत दर्ज कराई गई। पुलिस को एक पेन ड्राइव भी दी गई है, जिसमें वारदात में शामिल विभाग के दो एसआई नीरज दुबे और सुधीर मिश्रा सहित दो आरक्षक राकेश बोहरे और जैनेद्र प्यासी की सीसीटीवी फुटेज है।

फुटेज 29 जनवरी की रात 7.50 से रात 8.34 बजे की बीच की है। इस फुटेज में चारों आरोपी गोरखपुर थाने के पीछे स्थित आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम में प्रवेश करते हुए दिख रहे हैं।कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी की ओर से गोरखपुर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत में बताया गया कि चारों आरोपियों ने न्यायालय में लंबित अपराध क्रमांक 04/18 के प्रकरण में कंट्रोल रूम के मालखाना में रखी गईं 172 अंग्रेजी शराब की बॉटल अलमारी तोड़कर चोरी (खुर्द-बुर्द) की हैं।

दोनों एसआई नीरज दुबे व सुधीर मिश्रा 27 जनवरी को निलंबित हो चुके हैं। वहीं दोनों आरक्षक राकेश बोहरे और जैनेंद्र प्यासी को 6 फरवरी को आबकारी आयुक्त ने निलंबित कर दिया है।सूत्रों की मानें तो FIR दर्ज कराने में आबकारी के कंट्रोल रूम प्रभारी जीएल मरावी को मुश्किल आई। दोपहर तीन बजे वह थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे थे, पर मामला रात आठ बजे दर्ज हुआ।

इसके पीछे राजनीतिक दबाव बताया जा रहा है। आरोपियों में शामिल नीरज दुबे शहर के मॉडल स्कूल में पढ़े हैं। उनके साथ पढ़ने वाले राजनीति क्षेत्र से जुड़े लोगों का पुलिस पर दबाव था। आखिर में भोपाल तक प्रकरण उछला, तब जाकर एसपी ने एफआईआर दर्ज करने की हरी झंडी दी।

बताते चलते कि आबकारी के एसआई नीरज दुबे और सुधीर मिश्रा को शहर के पुल नंबर एक स्थित ऋषि रीजेंसी होटल को जारी एक लाइसेंस पर चार बार संचालित होने के प्रकरण में आबकारी आयुक्त ने 27 जनवरी को निलंबित किया था। दोनों पर आरोप था कि ऋषि रीजेंसी होटल के बारे में जानकारी होने के बावजूद उनके द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने उक्त बार का लाइसेंस भी निलंबित कर दिया है। नीरज दुबे को निलंबन अवधि में रीवा संभाग के उड़नदस्ता में तो सुधीर मिश्रा को सागर संभाग में उपायुक्त संभागीय उड़नदस्ता में अटैच किया गया था।

आबकारी आयुक्त ने जहां FIR दर्ज कराने के बाद इस मामले की एक सप्ताह में पूरी जानकारी तलब की है। वहीं गोरखपुर टीआई सारिका पांडे ने बताया कि अभी पेन ड्राइव उपलब्ध कराया गया है। बुधवार को मैं कंट्रोल रूम की जांच करने जाउंगी और वहां लगे सीसीटीवी का हार्ड डिस्क जब्त करूंगी। चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।

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