छत्तीसगढ़ के निलंबित IPS जीपी सिंह के मामले में आज कोर्ट में जस्टिस एनके व्यास की सिंगल बेंच में सुनवाई हुई, कोर्ट ने आईपीएस जीपी सिंह और ACB व राज्य सरकार की तरफ से दी गई दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को नोटिस जारी कर केस डायरी तलब किया है.
वहीं इस मामले की अगली सुनवाई अगले हफ्ते मंगलवार को होगी. जिसमें राज्य सरकार को जवाब और डायरी पेश करने के निर्देश दिया हैं. दरअसल, आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और राजद्रोह के आरोप में फंसे निलंबित आईपीएस जीपी सिंह ने वरिष्ठ अधिवक्ता किशोर भादुड़ी के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर शासन के निर्णय को चुनौती दी थी.
लेकिन जीपी सिंह को हाईकोर्ट से फिलहाल कोई राहत नहीं मिली है. याचिकाकर्ता ने पूरे मामले की जांच सर्वोच्च जांच एजेंसी सीबीआई से कराने की मांग की है. लेकिन कोर्ट ने फिलहाल इस मामले में अभी राज्य सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए हैं.
वहीं रायपुर पुलिस आज राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति के मामले में घिरे निलंबित एडीजी जीपी सिंह के घर वारंट लेकर उनके घर पहुंची. पुलिस लाइन स्थित उनके निवास में राजपत्रित अधिकारी के नेतृत्व में आधा दर्जन से अधिक पुलिस के जवान कोर्ट से जारी सर्च वारंट लेकर उनके घर की तलाशी ले रही हैं.
जानकारी के मुताबिक पुलिस निलबिंत आईपीएस अफसर जीपी सिंह के कंप्यूटर को भी खंगाल रही है.बता दें कि एडीजी के पद पर पदस्थ रह चुके निलंबित आईपीएस जीपी सिंह के घर में एसीबी की टीम ने 1 जुलाई को छापेमार कार्रवाई की. इस दौरान जीपी सिंह के घर से 10 करोड़ रुपये की अनुपातहीन संपत्ति मिली है.
इसके अलावा एसीबी को जीपी सिंह की एक डायरी भी हाथ लगी है. जिसमें सरकार कस खिलाफ षणयंत्र रचने का जिक्र किया गया है. जिसके बाद एसीबी की टीम कोतवाली थाना में जीपी सिंह के खिलाफ राजद्रोह समेत अन्य मामलों में तो एफआईआर दर्ज की है.
जीपी सिंह 1994 बैच के आईपीएस हैं. उनका होम कैडर छत्तीसगढ़ है. खुद भी एसीबी के चीफ रह चुके हैं. भूपेश सरकार बनने के बाद उन्हें इसकी जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन कुछ शिकायतों के कारण उन्हें हटा दिया गया था. प्रदेश में एडीजी रैंक के किसी असफर के खिलाफ यह एसीबी की पहली कार्रवाई है.
जीपी सिंह बस्तर समेत कुछ और जिलों के एसपी रह चुके हैं. इतना ही नहीं वो दुर्ग, बिलासपुर और रायपुर रेंज के आईजी भी रह चुके हैं. फिलहाल उनकी पोस्टिंग राज्य पुलिस अकादमी में है. फिलहाल उनके खिलाफ बेनामी संपत्ति का मामला का दर्ज होने के बाद निलंबित कर दिया गया है.