राजा वेंकट ने कहा है कि तत्कालीन बोर्ड प्रमुख एन. श्रीनिवासन ने अगर विरोध नहीं किया होता तो विराट कोहली तीन साल पहले 2012 में वनडे टीम के कप्तान नियुक्त कर दिए गए होते। राजा वेंकट 2011-2012 में चयन समिति के सदस्य थे। बंगाली समाचार पत्र ‘ऐईबेला’ के लिए एक लेख में वेंकट ने लिखा, “2011 के अंत और 2012 की शुरुआत में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व वाली भारतीय टीम कई धड़ों में बंटी थी।” कई चयनकर्ता धोनी के स्थान पर कोहली को कप्तान बनाए जाने के पक्ष में थे। इसका कारण यह था कि टीम की एकता को बनाए रखने के लिए चयनकर्ता किसी युवा को नेतृत्व सौंपना चाहते थे।”
56 साल के वेंकट ने कहा, “हमने तो तीन साल पहले ही कोहली को कप्तान बनाने का फैसला कर लिया था। हमने इस संबंध में कोशिश भी की, लेकिन श्रीनिवासन के कारण हम अपने प्रयास में असफल रहे।” वेंकट ने कहा, “आप विदेशी दौरे लिए टीम का चयन बीसीसीआई अध्यक्ष की संस्तुति के बिना नहीं कर सकते। हम चाहते थे कि नए कप्तान बनें, लेकिन श्रीनिवासन कप्तान को नहीं बदलना चाहते थे।”
कट ने कहा कि 2010-2011 के देवधर ट्रॉफी में उत्तर क्षेत्र का नेतृत्व करने वाले कोहली ने अपनी क्षमता से सबको प्रभावित किया था। वेंकट ने कहा, “हम उसी समय समझ गए थे कि आने वाले दिनों में कोहली एक काबिल कप्तान बनेंगे। यह उन्होंने 2008 के अंडर-19 विश्व कप के दौरान भी साबित किया था।” विराट कोहली को पिछले साल टेस्ट कप्तानी ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मिली। शुरुआती टेस्ट के दौरान धोनी को चोटिल बताया गया था और विराट को टीम की कमान सौंपी गई थी।