विराट कोहली की गिरफ्तारी को लेकर मद्रास हाई कोर्ट में याचिका दायर

चेन्नई के वरिष्ठ अधिवक्ता एपी सूर्यप्रकाशम ने मद्रास हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है जिसमें ऑनलाइन गैंबलिंग पर बैन, और गिरफ्तारी और उनलोगों पर मुकदमा दायर होना चाहिए जो इसके संचालन से जुड़े हुए है. इसके अलावा उन सेलेब्रिटी पर भी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए जो इसका विज्ञापन करते हैं.

याचिका में कहा गया है कि गैंबलिंग एक कानूनी अपराध है. इसकी वजह से तमिलनाडु में युवाओं खुदकुशी की वारदात बढ़ गई है, क्योंकि गैंबलिंग के कारण आर्थिक नुकासान होता है.इस मामले की सुनवाई 4 या 5 अगस्त को हो सकती है. याचिका में इस तरह की गैंबलिंग की तुलना ब्लू व्हेल चैलेंज से की गई है, जिसकी वजह से कई युवाओं ने अपनी जान गंवाई थी, अर्जी में इस गैंबलिंग को समाज के लिए खतरा बताया गया है.

याचिकाकर्ता के मुताबिक युवा को इस तरह की ऑनलाइन गैंबलिंग गेम की लत लग गई है, क्योंकि इस गेम के जरिए कई लोगों को कैश बोनस दिए जाते हैं.याचिका में ये भी कहा गया है कि, ‘इस गेम को प्रोमोट करने के लिए क्रिकेट और फिल्मों के दिग्गजों का इस्तेमाल किया जाता है जैसे टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली और एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया, ये लोग युवाओं का ब्रेनवॉश करते हैं.

युवा इसे टाइमपास के लिए खेलना शुरू करते हैं, लेकिन फिर उन्हें इसकी लत लग जाती है. इसके लिए युवा ऊंची ब्याज दरों पर कर्ज लेते हैं जब वो ऐसी हालत में पहुंच जाते हैं जहां उनको भारी नुकसान होता है और वो कर्ज चुका नहीं पाते हैं, फिर वो खुद की जान ले लेते हैं’.

अर्जी के मुताबिक, ‘ये गैंबलिंग की लत समाज के लिए काफी खतरनाक है और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है, क्योंकि ये जिंदगी जीने के हक को छीनता है, इसलिए ये याचिका इस गेम को बैन करने के लिए दायर की गई है.

चेन्नई में हाल में ही 19 साल एक छात्र ने खुदकुशी की थी, सुसाइड नोट में ऑनलाइन गैंबलिंग का जिक्र है, याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रशासन के इन बातों की जानकारी है, लेकिन इस गेम को बैन करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है

जब याचिकाकर्ता सूर्यप्रकाशम से पूछा गया कि क्या ऑनलाइन गैंबलिंग निजी इच्छा नहीं है? इसके जवाब में सूर्यप्रकाशम ने WION से कहा कि ऑनलाइन गैंबलिंग में नुकसान जल्द होता है, वहीं सिगरेट और शराब से किसी भी शख्स का नुकसान 15 साल में होता है.

युवा सेलीब्रिटी के प्रचार से प्रभावित हो जाते हैं. युवा अपने परिवार की मेहनत की कमाई और जेब खर्च को बर्बाद करते हैं, और फिर कर्ज लेते हैं.हाल के दिनों में इन घटनाओं में इजाफा हुआ है क्योंकि ज्यादातर युवा बेरोजगार और बेकार बैठे हैं.

हाल में ही मद्रास हाईकोर्ट की मदुरई बेंच ने कहा है कि क्रेंद्र और राज्य सरकारें इसको लेकर एक कानून बना सकती है जिससे रुपयों से जुड़ी ऑनलाइन रमी और दूसरे ऑनलाइन कार्ड गेम को पूरे देश में बैन किया जा सके. तेलंगाना सरकार के अध्यादेश लाया था जिसमें 1974 के गेमिंग एक्ट का संशोधन किया गया था.इसके तहत तेलंगाना राज्य से कोई भी शख्स कैश के लेनदेन वाला गेम नहीं खेल सकता.

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