अब मैच फिक्सिंग के दोषी को 10 साल की सजा

BCCI-Working-Committee

बीसीसीआई सचिव अनुराग ठाकुर ने तीन गैर सरकारी विधेयक पेश किए जिसमें महत्वपूर्ण ‘राष्ट्रीय खेल नैतिक आयोग’ विधेयक भी शामिल है जो मैच फिक्सिंग में शामिल खिलाड़ियों को ‘10 साल जेल की सजा’ की सिफारिश करता है। ठाकुर का यह कदम काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि बीसीसीआई आईपीएल 2013 मैच फिक्सिंग प्रकरण के कारण विवाद में रहा है। आईपीएल 2013 फिक्सिंग प्रकरण में पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत सहित तीन क्रिकेटरों को गिरफ्तार किया गया था। दो अन्य क्रिकेटर अजित चंदीला और अंकित चव्हाण थे।

यह पूछने पर कि उन्होंने आखिर किन कारणों से लोकसभा में विधेयक पेश किया, ठाकुर ने कहा, ‘खेल प्रेमियों के प्रति निष्पक्ष होने के लिए उचित है कि जवाबदेही लायी जाए। मैच फिक्सिंग पर लगाम कसने के लिए कोई नियम नहीं है। यह अनिवार्य है कि इससे लड़ने के लिए कोई कानून हो।’ लोकसभा में पेश विधेयक के अनुसार इसका उद्देश्य राष्ट्रीय खेल नैतिक संस्था का गठन है जिससे कि सुनिश्चित हो सके कि सभी खेलों में नैतिक गतिविधियां हो और साथ ही डोपिंग, मैच फिक्सिंग, आयु धोखाधड़ी, खेलों में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का उन्मूलन की दिशा में काम करना शामिल है।

ठाकुर द्वारा पेश यह विधेयक अगर पारित हो जाता है तो ना सिर्फ खिलाड़ी पर आजीवन प्रतिबंध लगेगा बल्कि मैच फिक्सिंग के मामले में उसे 10 साल जेल की सजा और रिश्वत की राशि का पांच गुना जुर्माना भी लगेगा। आयु या लिंग की धोखाधड़ी पर छह महीने की जेल और एक लाख रूपये का जुर्माना होगा। खिलाड़ी की नहीं बल्कि इस तरह की आपराधिक गतिविधियों में मदद करने वाले कोचों और खेल महासंघों के सदस्यों को भी इन्हीं धाराओं के तहत सजा दी जाएगी।

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