भारत अभी चैम्पियंस ट्रॉफी खेलेगा या नहीं सस्पेंस बरकरार बना हुआ है क्योकि बीसीसीआई ने 25 अप्रैल तक टीम का एलान नहीं किया, जो इसकी आखिरी तारीख थी। बता दें कि पाकिस्तान ने भी मंगलवार को ही अपनी टीम का एलान किया है। दरअसल, आईसीसी अपने नए प्लान में बिग थ्री मॉडल हटाने की तैयारी में है।
बीसीसीआई इसके खिलाफ है, क्योंकि इसके हटने से उसे 900 करोड़ रुपए तक का घाटा हो सकता है। 27-28 अप्रैल को दुबई में आईसीसी की मीटिंग है। उसके बाद बीसीसीआई कोई फैसला कर सकता है। बता दें कि टीम इंडिया पिछली चैम्पियंस ट्रॉफी की विनर है।चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने वाले बाकी 7 देशों ने अपनी टीमों का ऐलान कर दिया है।
1 जून से 18 जून के बीच ब्रिटेन में चैम्पियंस ट्रॉफी होनी है।बता दें कि रेवेन्यू शेयरिंग के मसले पर ICC के नए प्लान पर BCCI राजी नहीं है। बोर्ड पहले ही चैम्पियंस ट्रॉफी से बाहर होने की धमकी दे चुका है। हालांकि, BCCI ने अभी ऐसा कोई स्टेप लेने की बात नहीं कही है। लेकिन, आखिरी दिन तक टीम का नाम ना जाहिर करने को BCCI की प्रेशर टैक्टिस के रूप में देखा जा रहा है।
ICC के नॉर्म्स के लिहाज से विशेष परिस्थितियों में देशों को तय डेट के बाद भी टीम का एलान करने की इजाजत दी जा सकती है। वैसे अभी तक डेट एक्सटेंशन को लेकर मंगलवार देर शाम तक बीसीसीआई की तरफ से कोई ऑफिशियल एनाउंसमेंट नहीं किया गया।एक टॉप BCCI ऑफिशियल ने न्यूज एजेंसी को बताया मुझे एक चीज बताइए।
अगर हम स्क्वॉड का एलान करते हैं, उदाहरण के तौर पर मान लीजिए 5 मई को। क्या ICC हमें हिस्सा लेने से रोक सकती है? हमारे पास एक सेटल्ड स्क्वॉड है और इसका एलान करना महज एक फॉर्मेलटी होगी।आईसीसी चाहता है कि इस मॉडल को खत्म करने से जो रेवेन्यू बचेगा उसे बाकी मेंबर कंट्रीज में सही तरीके से बांटा जाए।
बीसीसीआई इस प्लान के विरोध में है। उसने आईसीसी से यह फैसला जून तक टालने को कहा था, जिससे चैम्पियंस ट्रॉफी में भारत के खेलने पर कोई रुकावट नहीं आए, लेकिन अब तक इस पर कुछ तय नहीं हो सका है।बिग थ्री मॉडल में आईसीसी की कमाई से बीसीसीआई को 20.3%, इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड को 4.4% और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया को 2.7% हिस्सा मिलता था।
यह फॉर्मूला इन बोर्ड के रेवेन्यु से तय हुआ था। आईसीसी के नए रेवेन्यु मॉडल से बीसीसीआई की कमाई 900 करोड़ रुपए तक कम हो सकती है। इसीलिए वह नहीं चाहता कि बिग थ्री मॉडल हटाया जाए।सुप्रीम कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद बोर्ड के ज्वाइंट सेक्रेटरी 27 और 28 अप्रैल को दुबई में होने वाली आईसीसी की मीटिंग में बीसीसीआई का पक्ष रखेंगे।
माना जा रहा है कि अगर उस मीटिंग में इस मॉडल से कोई छेड़छाड़ होती है, तो बीसीसीआई एक बड़ा फैसला ले सकती है।श्रीनिवासन ने शुरू किया था यह मॉडल2014 में जब एन. श्रीनिवासन बीसीसीआई प्रेसिडेंट थे, तब आईसीसी में बिग थ्री मॉडल लागू किया गया था।इससे आईसीसी के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के पास जाता रहा है।
नवंबर 2015 में जब शशांक मनोहर आईसीसी प्रेसिडेंट बने तब से ही वो इस मॉडल को हटाना चाह रहे हैं।बता दें कि बीसीसीआई के पास मेंबर पार्टिसिपेशन एग्रिमेंट का हक है। इसी के चलते वह आईसीसी पर दबाव बना रहा है। इस एग्रिमेंट के तहत कोई टीम असहमत होने पर टूर्नामेंट से अलग हो सकती है।