चैत्र और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा जी की पूजा करने का विधान है। आश्विन मास की अष्टमी तो पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है। इस दिन समस्त उपचारों से देवी दुर्गा की पूजा करने का विधान है।
दुर्गा पूजा विधि (Durga Puja Vidhi)
अष्टमी के दिन मां दुर्गा की विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन हवन का महत्त्व बताया गया है। ब्राह्मणों और कन्याओं को भोजन करा कर उनका आशीर्वाद लेना चाहिए। कई लोग इस दिन कन्यापूजन भी करते हैं। देवी पूजन, हवन, कुमारी पूजन और ब्राह्मण भोजन से दुर्गा पूजन संपन्न होता है।
दुर्गा जी के कुछ विशेष मंत्र (Durga Mantra in Hindi):
सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके।
शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोस्तुते॥
डर भगाने का दुर्गा मंत्र:
सर्वस्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्तिसमंविते।
भयेभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोस्तुते॥
दुर्गा जी के विभिन्न नाम (Names of Durga Ji in Hindi)
दुर्गा सप्तशती के अनुसार मार्कण्डेय जी ने दुर्गा की स्तुति निम्न नामों से की थी: जयंती, मंगला, काली, भद्रकाली, कपालिनी, दुर्गा, क्षमा, शिवा, धात्री, स्वाहा और स्वधा।