Celebrations of Nag Panchami । नाग पंचमी क्यों मनाई जाती है जाने

Celebrations of Nag Panchami :- हिन्दू धर्म में नागपंचमी का विशेष महत्व है। हिन्दू लोग इस पर्व को हर्षोउल्लास से मनाते हैं। वहीं हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शिवजी सर्पों की माला पहनते हैं, विष्णु भगवान शेषनाग पर शयन करते हैं इसीलिए इनकी पूजा के लिए प्रति वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी पर्व मनाया जाता है। नागों का अस्तित्व हमारे देश में सादियों पुराना है।

ऐसा कहा जा सकता है की नाग और इंसान के मध्य एक नकारात्मक प्रभाव होता है। पुर्वजों की मानें तो उनका कहना है की जब नाग अपने दिन की शुरुआत करते हैं तो वो भगवान से ये मांगते है की उनका सामना इंसानों से न हो, इसीलिए नहीं की वो इंसानों से घृणा करते है बल्कि इसीलिए क्योंकि वो भी इंसान से डरते हैं, लेकिन इस बात का प्रमाण हमें नहीं मिला है।

वाराह पुराण में उस इतिहास को खोलता है जहां आज के ही दिन सृष्टिकर्ता ब्रह्मा ने अपने प्रसाद से शेषनाग को विभूषित किया था। शिवजी सर्पों की माला पहनते हैं, विष्णु भगवान शेषनाग पर शयन करते हैं यहीं कारण है की प्रति वर्ष श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी त्योहार के रुप में मनाया जाता है।

नाग कथा :- हिंदू पुराणों की मानें तो नागों के विषय में आश्चर्य करने वाली सच्चाई को दर्शाता है। महाभारत की कथाओं में पता चलता है कि नाग भारत की एक जाति थी। इस जाति का आर्यों से संघर्ष रहता था। आस्तीक ऋषि ने आर्यों और नागों के बीच सुलह कराने की बहुत कोशिश की थी।

ऋषि की कोशिश सफल हुई। दोनों एक-दूसरे के प्रेम सूत्र में बंध गए। दोनों में वैवाहिक संबंध भी होने लगे। इस प्रकार अंतर्जातीय संघर्ष समाप्त हो गया। सर्पभय से मुक्ति के लिए आस्तीक का नाम अब भी लिया जाता है।

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