पारद शिवलिंग क्या है ? पारद शिवलिंग की क्या महिमा है ?
पारद की उत्पत्ति महादेव शंकर के वीर्य से हुई मानी जाती है । इसलिए विद्वानों ने पारद को शिव स्वरुप मान्यता प्रदान की है । शुद्ध पारद संस्कार बंधन करके जिस देवता की प्रतिभा बनाई जाती है वह स्वयं सिद्ध होती है ।
ज्योतिष शास्त्र के ज्ञाता और वास्तु शास्त्र के ज्ञाता भी पारद शिवलिंग का पूजन होता है । उस घर में सभी प्रकार के लौकिक और परलौकिक सुखों की प्राप्ति होती है। पारद (पारा) को रसराज कहा जाता है। पारद से बने शिवलिंग की पूजा करने से बिगड़े काम भी बन जाते हैं। धर्मशास्त्रों के अनुसार पारद शिवलिंग साक्षात भगवान शिव का ही रूप है इसलिए इसकी पूजा विधि-विधान से करने से कई गुना फल प्राप्त होता है तथा हर मनोकामना पूरी होती है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए।