CHANKYA NEETI चाणक्य नीति
सर्वशक्तिमान भगवान विष्णु को नमन करते हुए जो तीनो लोको के स्वामी है, मै एक राज्य के लिए नीति शास्त्र के सिद्धांतों को कहता हूँ| अनेक शास्त्रों का आधार ले कर मै यह सूत्र कह रहा हूँ |
जो व्यक्ति शास्त्रों के सूत्रों का अभ्यास करके ज्ञान ग्रहण करेगा उसे अतयंत वैभवशाली
कर्त्तव्य के सिद्धांत जात होगे| उसे पता चलेगा की किस बात को करना चाहिए और किसे
नहीं करना चाहिए | उसे पता चलेगा की भला कया है और बुरा कया है. उसे सर्वोत्तम का भी
ज्ञान होगा |
इसीलिए लोगो का भला करने के लिए मै उस बात को कहता हूँ की जिससे लोग सभी बातो को सही परिपेक्ष्य मे देखेगे |
एक विद्वान भी दुखी हो जाता है यिद वह किसी मूर्ख को उपदेश देता है, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है|
दुष्ट पति , झूठा मित्र , बदमाश नौकर और सर्प के साथ निवास साक्षात् मृत्यु के समान है|
. आगे आने वाली मुसीबतो के लिए धन संचय करे. ऐसा ना कहे की धनवान व्यक्ति को मुसीबत कैसी? जब धन साथ छोड़ता है तो संगठित धन तेजी से घटता है.
व्यक्ति को आने वाली मुसीबतो से निपटकर धन संचय करना चािहए. उसे धन को त्यागकर पत्नी की सुरक्षा करनी चाहिए. लेिकन यदि आत्मा की सुरक्षा की बात आती है तो उसे धन और पति दोनो को गौण समझना चािहए |
उस देश मे िनवास न करे जहा आपकी कोई इज्ज़त नहीं, जहा आप रोजगार नहीं कमा सकते, जहा आपके कोई मित्र नहीं और जहा आप कोई ज्ञान आर्जित नहीं कर सकते|
. वहा एक दिन भी ना रके जहा ये पाच ना हो |धनवान व्यक्ति ,िवदान( व्यक्ति जो शास्त्रों को जानता हो) राजा, नदियाँ, और चिकित्सक |
बुद्धिमान व्यक्ति ऐसे देश कभी ना जाए जहा ,रोजगार कमाने का कोई माधयम ना हो| जहा लोग किसी से डरते न हो| जहा लोगो को किसी बात की लज्जा न हो| जहा लोगो के पास बुद्धिमत्ता न हो| जहा के लोगो की वृत्ति दान धरम करने की ना हो.|
नौकर की परीक्षा जब वह कर्त्तव्य का पालन न कर रहा हो तब करे| रिश्तेदार की परीक्षा जब आप मुसीबत मे हो तब करे| मित्र की परीक्षा विपरीत काल मे करे| जब आपका वक्त अचछा न चल रहा हो तब पत्नी की परीक्षा करे|
अच्छा मित्र हमे तब नहीं छोड़ेगा जब हमे उसकी जररत हो, कोई दुघरटना हो गयी हो,अकाल पड़ा हो, युद्ध चल रहा हो, जब हमे राजा के दरबार मे जाना पड़े, जब हमे समशान घाट जाना पड़े |
जो व्यक्ति किसी नाशवंत चीज के लिए जिसका कभी नाश नहीं होने वाला ऐसी चीज को छोड़ देता है, तो उसके हाथ से अिवनाशी तो चला ही जाता है और इसमे कोई संदेह नहीं की नाशवान को भी वह खो देता है।
एक बुद्धिमान व्यक्ति को चािहए की वह एक इज्ज़तदार घर की अविवाहित कन्या से विवाह करे ।यदि ऐसी कन्या मे कोई वयंग है तो भी किसी हीन घर की लड़की से वह सुनदर हो तो भी विवाह नहीं करना चािहए । शादी बराबरी के घरो मे हो यह उिचत है.।
औरतो मे मर्दों के मुकाबले ,भूख दो गुना लज्जा चार गुना ,सहस छः गुना कामना आठ गुना होती है ।.
विष मे से भी हो सके तो अमृत निकल लेना । यदि सोना गंदगी मे गिरा हो तो उसे उठाये और धोये और अपनाये। यदि कोई निचले कुल मे जनमने वाला भी आपको सर्वोत्तम ज्ञान देता है तो उसे अपनाये। उसी तरह यिद कोई बदनाम घर की लड़की जो महान गुणो से संपनन है । यदि आपको सीख देती है तो गहण करे।
आप कभी इन ५ पर विश्वास ना करे.
१. निदया
२.जिसके हाथ मे शास्त्र हो.
३. पशु जिसे नाख़ून या सिंग हो.
४. औरत (यहाँ संकेत भोली सूरत की तरफ है, बहने बुरा न माने )
५. राज घरानो के लोगो पर.