कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लडूंगा : गहलोत

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राजस्थान के मुख्यमंत्री के बीच करीब डेढ़ घंटे चली बैठक खत्म होने के बाद अशोक गहलोत ने साफ कहा कि वह अब कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव नहीं लड़ेंगे और मुख्यमंत्री बने रहना है या नहीं यह फैसला आलाकमान तय करेगा।राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नें कहा मैं कांग्रेस का वफादार सिपाही हूं, पूरे मामले पर सोनिया गांधी से खेद जताया है और ऐसे माहौल में मैं चुनाव नहीं लडूंगा।

मैंने सोनिया गांधी से बैठकर बातचीत की जिस प्रकार से पिछले 50 सालों में कांग्रेस में इंदिरा जी के वक्त से राजीव जी और उनके बाद सोनिया जी के संग एक वफादार सिपाही के रूप में मैंने काम किया है।सोनिया जी के आशीर्वाद से मुझे सबकुछ मिला मंत्री रहा मुख्यमंत्री बना, जो घटना हुई, उसने हिला कर रख दिया है और मुझे दुख है।

देश में संदेश गया की मैं सीएम बने रहना चाहता हूं।उन्होंने आगे कहा मैंने सोनिया जी से माफी मांगी है, एक फैसला करते वक्त एक लाइन का प्रस्ताव पारित होता है। मैं उस प्रस्ताव को पारित नहीं कर पाया है, मुझे दुख रहेगा।कांग्रेस दो दशक से अधिक समय के अंदर अपने पहले गैर गांधी परिवार के अध्यक्ष को लाने की तैयारी कर रही है।

तीनों गांधी 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से बाहर रहेंगे, अब तक शशि थरूर ने नामांकन पत्र मांगा है। इस मुलाकात के बीच आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह नामांकन फॉर्म लेने को कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे।कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शशि थरूर ने नामांकन पत्र लिया है तो वहीं अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी नामांकन पत्र ले लिया है।

केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के दिल्ली में मौजूद न होने के कारण वह शुक्रवार को नामांकन पत्र भरेंगे।दिग्विजय सिंह के अलावा शशि थरूर भी 30 सितंबर को नामांकन पत्र भरेंगे। दरअसल अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 22 सितंबर को अधिसूचना जारी हो चुकी है। पर्चा दाखिल करने की प्रक्रिया 30 सितंबर तक चलेगी। यानी जो भी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ना चाहता है वह पर्चा दाखिल कर सकता है।

पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री की अध्यक्षता वाला केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण इस मतदान की देखरेख करेगा।नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि 8 अक्टूबर रखी गई है। वोटिंग 17 अक्टूबर को होगी, जबकि चुनाव परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे, वोटिंग तभी होगी जब दो उम्मीदवार चुनाव मैदान में होंगे। अगर एक प्रत्याशी खड़ा होता है तो उसे निर्विरोध चुन लिया जाएगा।

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