सीजेआई रंजन गोगोई पर यौनशोषण का आरोप लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पूर्व महिला कर्मचारी जल्द ही अदालत में अपील करेगी। वकील प्रशांत भूषण ने बताया पीड़िता सीजेआई को यौनशोषण मामले में शीर्ष अदालत की इन-हाउस पैनल द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के खिलाफ अपील करेगी।
7 मई को तीन जजों की इन-हाउस कमेटी की ओर से इस मामले में रिपोर्ट पेश की गई। इसके अंतर्गत कहा गया कि जांच में महिला के द्वारा लगाए गए आरोपों जैसी कोई बात सामने नहीं आई है। कमेटी में जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस इंदू मल्होत्रा शामिल थे।
6 मई को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की कमेटी के द्वारा सीजेआई गोगोई को यौनशोषण मामले में क्लीन चिट दी गई थी।तीन दिन तक इस मामले की सुनवाई में हिस्सा लेने के बाद महिला ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया था। महिला का कहना था कि मैं निजी कारणों से इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं बनना चाहती हूं।
महिला 2018 में सीजेआई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पदस्थ थी। बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया। उसने एफिडेविट की कॉपी 22 जजों को भेजी थी। इस मामले में पहली पेशी जस्टिस बोबडे के चैंबर में हुई थी। इस दौरान आरोप लगाने वाली महिला के अलावा शीर्ष अदालत के सेक्रेटरी जनरल इस मामले से जुड़े संपूर्ण दस्तावेज लेकर मौजूद थे।
साथ में दो महिला जज इंदू मल्होत्रा और जज इंदिरा बनर्जी भी मौजूद थीं। सुनवाई के दौरान चैंबर में केवल महिला मौजूद थीं। सेक्रेटरी जनरल इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं थे। पहली सुनवाई करीब तीन घंटे चली थी।