मोहित गोयल का दावा है 251 में Freedom स्मार्टफोन बेचकर भी 31 रु. का मुनाफा

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सबसे सस्ते मोबाइल फोन Freedom251 को लेकर जारी विवाद के बीच रिंगिंग बेल्स के एमडी मोहित गोयल ने दावा किया है कि उन्हें 251 में स्मार्टफोन बेचकर भी 31 रुपए का मुनाफा होगा। हालांकि, गोयल ने यह नहीं बताया है कि यह प्रॉफिट कैसे हासिल होगा। बता दें कि इस फोन की कॉस्ट इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन ने 4100 और टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने 2300 रुपए बताई है। 

एमिटी यूनिवर्सिटी से ग्रैजुएट मोहित का कहना है कि जिस कीमत पर उन्होंने वादा किया था, उसी पर फोन डिलिवर करेंगे।एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत के दौरान गोयल ने कहा कि मुझे पता था कि ये रातोरात नहीं होगा।गोयल ने कहा, ”लिमिटेड सप्लाई के कारण हम लोग 25 लाख सेट की बुकिंग ऑनलाइन ले रहे हैं। बाकी 25 लाख फोन ऑनलाइन डिस्ट्रिब्यूटर्स के जरिए दिए जाएंगे।15 अप्रैल के बाद डिलिवरी शुरू हो जाएगी। 30 जून के पहले हैंडसेट डिलिवर कर दिए जाएंगे।

कस्टमर्स से पेमेंट गेटवे के जरिए जो पैसे मिल रहे हैं, उन्हें इस्क्रो अकाउंट में रखा जा रहा है। जब तक डिवाइस की डिलिवरी नहीं होगी, तब तक इन्हें टच नहीं किया जाएगा।उन्होंने कहा, ”मुझे क्यों दुख होगा। मैंने क्या गलत किया है?क्या मेरे या मेरी कंपनी के खिलाफ कर चोरी का कोई केस है? क्या मेरे खिलाफ कोई एफआईआर है?मुझे भगोड़ा क्यों कहा जाएगा, मैं ठीक तरीके से बिजनेस करने की इच्छा रखता हूं। जैसे लोग स्टार्टअप करते हैं, मेरे पास बिजनेस प्लान तैयार है।

पिछले हफ्ते गुरुवार को कंपनी की वेबसाइट क्रैश हुई और लोगों के फोन की बुकिंग नहीं हो रही थी, तभी पुलिस और आईटी डिपार्टमेंट ने जांच शुरू कर दी।शुक्रवार को कंपनी के नोएडा ऑफिस पर पुलिस और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने छापा मारा है।यह जांच हो रही है कि सस्ते फोन की आड़ में कोई घोटाला तो नहीं हो रहा। हालांकि, कंपनी ने इससे इनकार किया है।मौके पर गए एक पुलिस अफसर ने बताया- “नोएडा में कंपनी के ऑफिस पर जाकर हम यह देखना चाहते थे कि वह किसी तरह का फ्रॉड तो नहीं कर रही है।”

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस के साथ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के लोग कंपनी के आफिस से जरूरी डॉक्युमेंट्स अपने साथ जांच के लिए लेकर गए हैं।अगर जांच में फ्रॉड का मामला सामने आया तो कंपनी के अफसरों और प्रमोटर्स के पासपोर्ट भी जब्त किए जा सकते हैं, ताकि वे देश से बाहर न जाएं।कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के मुताबिक, रिंगिंग बेल्स प्राइवेट लिमिटेड सितंबर 2015 में बनी है।यह दिल्ली में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज ऑफिस में रजिस्टर्ड है। 

कंपनी की पेडअप कैपिटल 60 लाख रुपए और ऑथराइज्ड कैपिटल एक करोड़ रुपए है।टेलिकॉम मिनिस्ट्री कंपनी की एक्टिविटी पर नजर रखे हुए है।मिनिस्ट्री का इंटरनल असेसमेंट भी यही कहता है कि इस स्मार्टफोन की कीमत 2300 रुपए से कम नहीं हो सकती। लेकिन जब तक गड़बड़ी का कोई मामला या शिकायत सामने नहीं आती, तब तक सरकार इस मामले में दखल नहीं देगी।उधर, 251 रुपए के फोन के वादे को घोटाला करार दे चुके बीजेपी सांसद किरीट सोमैया ने ट्वीट कर दावा किया कि टेलिकॉम मिनिस्ट्री ने रिंगिंग बेल्स से सफाई मांगी है।

सोमैया के मुताबिक, कंपनी से पूछा गया है कि वह ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स के सर्टिफिकेशन के बिना फोन कैसे बेच रही है? केंद्र ने यूपी सरकार से भी कंपनी की ऑथेंटिसिटी जांचने को कहा है।उत्तर प्रदेश के शामली जिले के गढ़ीपुख्ता में मोहित के पिता राजेश गोयल की किराने की दुकान है।वो आज भी इस दुकान पर बैठते हैं। मोहित भी यहां बैठा करते थे। सेंट आरसी कॉन्वेंट स्कूल से पढ़ाई पूरी करने के बाद मोहित ने एमिटी यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग में डिग्री ली। 

आज वे रिंगिंग बेल कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं।हाल ही में उन्होंने धारणा गर्ग से शादी की, जो अब उनकी कंपनी की सीईओ हैं।यह स्मार्टफोन नोएडा की रिंगिंग बेल्स ने लॉन्च किया था।251 रुपए के इस स्मार्टफोन के लिए कंपनी ने वेबसाइट से प्री-बुकिंग 18 फरवरी सुबह 6 बजे से शुरू की थी। 21 फरवरी शाम 8 बजे तक बुकिंग हुई है।हालांकि, गुरुवार सुबह यूजर्स ने वेबसाइट के शुरुआती कुछ घंटे तक क्रैश होने और बाद में ऑर्डर प्लेस नहीं हो पाने की शिकायत की।

इसके बाद कंपनी ने एक मैसेज पोस्ट किया। इसमें लिखा गया- “हमें अभी एक सेकंड में 6 लाख हिट मिले। इसी के चलते सर्वर ओवरलोडेड हो गया। हम इसकी बुकिंग रोक रहे हैं। सर्विस अपग्रेड करने के बाद 24 घंटे के अंदर इसे दोबारा शुरू करेंगे।इसके बाद दिन में कंपनी के नोएडा में मौजूदा ऑफिस के बाहर लोगों की भीड़ लग गई। कंपनी को इतनी भीड़ का अंदाजा नहीं था। दरअसल, इंटरनेट पर फोन की बुकिंग नहीं हो पाने के बाद लोग यहां जमा हुए थे।

बढ़ती भीड़ को देखते हुए कंपनी ने वहां नोटिस लगा दिया कि ऑफिस में कोई मैन्युअल बुकिंग नहीं हो रही है। यह स्मार्टफोन अपनी कॉस्ट के चलते भी विवादों में है। सेल्युलर एसोसिएशन ने सवाल उठाया है कि 4100 रुपए का फोन 251 रुपए में कैसे मिल सकता है।4 इंच एचडी डिस्प्ले, 1.3 गीगा हर्ट्ज प्रोसेसर और 1 जीबी रैम वाले 251 रुपए के इस फोन की लॉन्चिंग बुधवार को नोएडा में हुई।मोबाइल इंडस्ट्री बॉडी इंडियन सेल्युलर एसोसिएशन (आईसीए) का कहना है कि टेलिकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद को इस मामले की जांच करनी चाहिए।

आईसीए का कहना है कि सब्सिडी पर सेल के बावजूद इस तरह के स्मार्टफोन की प्राइस 4100 रुपए से कम नहीं हो सकती।आईसीए ने इस सस्ते स्मार्टफोन के लॉन्चिंग इवेंट में सीनियर पॉलिटिकल और गवर्नमेंट लीडरशिप को मिले इनविटेशन और नेताओं की मौजूदगी पर भी सवाल उठाए हैं।आईसीए ने कहा कि इस तरह के प्रोडक्ट की बिल ऑफ मटीरियल (बीओएम) वैल्यू 40 डॉलर यानी 2,700 रुपए आती है। यह कॉस्ट तभी आती है, जब इसे सस्ते सप्लाई चेन से खरीदा जाए।

आईसीए के नेशनल प्रेसिडेंट पंकज महिंद्रू ने टेलिकॉम मिनिस्टर को लिखे लेटर में कहा कि रिटेल सेल्स के दौरान प्रोडक्ट कॉस्ट में ड्यूटी, टैक्स, डिस्ट्रीब्यूशन और रिटेल मार्जिन भी जुड़ते हैं। जब इस स्मार्टफोन की रिटेल कॉस्ट 4,100 रुपए बैठती है, तो यह 251 रुपए में कैसे बिक सकता है?महिंद्रू ने कहा कि अगर ऐसे फोन को ई-कॉमर्स या किसी तरह की सब्सिडाइज्ड सेल पर बेचा जाता है, तो इसकी कीमत 52-55 डॉलर यानी 3,500-3,800 रुपए बैठती है। 

उन्होंने सवाल उठाया कि जब प्रोडक्ट पर सीधे कोई सब्सिडी नहीं मिली है, तो यह इतने कम रेट पर कैसे बिक सकता है?बता दें कि Samsung, Apple, Sony, Lava, Micromax, Karbonn, Motorola और HTC जैसी कंपनियां आईसीए की मेंबर हैं।रिंगिंग बेल्स के प्रेसिडेंट अशोक चड्ढा ने लॉन्चिंग इवेंट में कहा था- “इस साल के आखिर तक हम फ्रीडम-251 स्मार्टफोन का हार्डवेयर भारत में बनाएंगे। बाद में इसे 100 पर्सेंट मेड इन इंडिया कर देंगे।

हम इसके लिए नोएडा और उत्तराखंड में पायलट प्रोजेक्ट ला रहे हैं। इसकी कॉस्ट 500 करोड़ रुपए और टारगेट कैपिसिटी हर महीने 5 लाख यूनिट की होगी। ऐसे पांच मैन्युफैक्चरिंग सेंटर हम बनाएंगे।बिल ऑफ मटीरियल्स के हिसाब से इस स्मार्टफोन की कॉस्ट 2000 रुपए है। भारत में बनाकर हम इसमें से 400 रुपए बचा लेंगे।ऑनलाइन बेचकर हम इससे 400 रुपए और बचा लेंगे। अगर प्री-ऑर्डर पर नंबर बढ़ेगा तो हम 400 रुपए आैर सेव कर लेंगे।

इसके बाद जब प्लैटफॉर्म बड़ा हो जाएगा तो हम ऐसे प्रोडक्ट्स हाईलाइट करेंगे, जो कस्टमर्स के लिए वैल्यूएबल होंगे।इससे हमारी सोर्स ऑफ इनकम बढ़ेगी। इसका फायदा हम कस्टमर्स तक पहुंचाएंगे और स्मार्टफोन की कॉस्ट को कंट्रोल करेंगे।कंपनी का कहना है कि वह इस फोन के लिए कोई गवर्नमेंट सब्सिडी नहीं ले रही है, न ही प्रोजेक्ट में सरकार का कोई डिपार्टमेंट शामिल है।

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