अलगाववादी नेताओं ने कहा कि वे नौ सितंबर को दिल्ली में एनआईए मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करेंगे और जांच एजेंसी द्वारा कश्मीर के लोगों के उत्पीड़न के खिलाफ गिरफ्तारी देंगे. अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक और यासिन मलिक गिरफ्तारी देंगे.
इस बात की घोषणा यहां ऐतिहासिक जामिया मस्जिद में जल्दबाजी में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में मीरवाइज और मलिक ने की. गिलानी ने सम्मेलन को फोन से संबोधित किया. बता दें एनआईए ने हाल में धन शोधन और अन्य मामलों के बाबत अलगाववादी नेताओं से जुड़े लोगों के यहां छापेमारी और गिरफ्तारियां की थीं.
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े की अगुवाई करने वाले मीरवाइज ने आरोप लगाया सरकार नेताओं, कारोबारियों और छात्र समुदाय का उत्पीड़न करने के लिए एनआईए का इस्तेमाल कर रही है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में आगे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रतिष्ठित अलगाववादी नेताओं और कश्मीर के कारोबारियों के खिलाफ एनआईए की जांच कश्मीर के मुद्दे से ध्यान भटकाने की एक कोशिश है.
मलिक ने एनआईए की तुलना बॉलीवुड फिल्म शोले के विलेन गब्बर सिंह से करते हुए कहा सरकार लोगों को डराने और उन्हें आजादी के संघर्ष से दूर रखने के लिए गब्बर सिंह का इस्तेमाल कर रही है.उन्होंने दावा किया सरकार कश्मीर मुद्दे को हल नहीं करना चाहती है और अब इससे ध्यान भटकाने के लिए एनआईए का इस्तेमाल कर रही है.
जेकेएलएफ के प्रमुख मलिक ने आरोप लगाया कि सरकार हर महीने कोई न कोई मुद्दा कश्मीरी लोगों पर थोप रही है.मलिक ने आरोप लगाया पहले कश्मीरी पंडितों की कॉलोनियों का मुद्दा, फिर कुछ अन्य मुद्दे और अब वे (भारतीय संविधान के) अनुच्छेद 35 ए को खत्म करना चाहते हैं. यह जम्मू कश्मीर की जनसांख्यिकी को बदलने तथा इसकी विवादित प्रकृति को कमजोर करने की कोशिश है.
मीरवाइज ने आरोप लगाया कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कश्मीरियों के खिलाफ दुष्प्रचार के लिए किया जा रहा है.मीरवाइज और मलिक ने कहा कि वे जेल जाने से नहीं डरते हैं जो पहले से ही एहतियाती हिरासत के तहत कश्मीरी नेताओं और युवाओं से भरी पड़ीं हैं. उन्होंने कहा हम जेल जाने से नहीं डरते हैं लेकिन हम आत्मनिर्णय का अधिकार मांगने पर कश्मीर के लोगों का अपमान करने की इजाजत नहीं देंगे.