एनआईए ने सैयद अली शाह गिलानी और उनके परिजनों की 14 कथित संपत्तियों को चिह्नित किया है। इन संपत्तियों की कुल कीमत 100 करोड़ से 150 करोड़ रुपये के बीच बतायी जा रही है। रिपोर्ट में दावा किया है कि उसके पास मौजूद एनआईए की लिस्ट में शामिल इन संपत्तियों को हवाला और बेनामी संपत्ति मामले में जांच की जा रही है।
इन संपत्तियों में शैक्षणिक संस्थान, आवासीय इमारतें, कश्मीर में खेती की जमीन और दिल्ली स्थिति फ्लैट शामिल हैं। ये संपत्तियां कथित तौर पर गिलानी, उनके दो बेटों नसीम और नईम, बेटी अनीशा, फरहत, जमशिदा, चमशिदा के नाम हैं। अनीशा और फरहत गिलानी की दूसरी पत्नी की बेटियां हैं।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार इन संपत्तियों में सबसे अहम बारामुला के सोपोर में स्थित यूनिक पब्लिक स्कूल है। सात एकड़ जमीन पर स्थित इस स्कूल की बाजार कीमत करीब 30 करोड़ रुपये आंकी गई है। एनआईए को पता चला है कि स्कूल के लिए जमीन 2001 में गिलानी के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत को दान की गई थी।
साल 2006 में 5.3 एकड़ जमीन सीधे गिलानी को और साल 2017 में 1.7 एकड़ गिलानी के बेटे नसीम को स्कूल के प्रिंसिपल जीएम भट्ट द्वारा दी गई। भट्ट स्कूल चलाने वाले मिल्ली ट्रस्ट के आजीवन संरक्षक हैं। एनआईए भट्ट से भी पूछताछ की है।एनआईए के एक अफसर ने टीओआई से कहा कि उम्र बढ़ने की वजह से गिलानी चाहते हैं कि उनकी जमीन-जायदाद बेटे-बेटियों के नाम हो जाए।
इसीलिए ट्रस्ट का चेयरमैन वो अपने बेटे नसीम को बनाना चाहते हैं लेकिन प्रिंसिपल भट्ट और दो अन्य स्कूल टीचरों के विरोध की वजह से वो ऐसा नहीं कर सके। नसीम शेर-ए-कश्मीर एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। उन्होंने साल 2006 में श्रीनगर में 70 लाख रुपये में एक घर खरीदा था।
नसीम ने मीडिया से कहा था कि जब एनआईए की नोटिस उन्हें मिली उनके बैंक खाते में 500 रुपये ही थे और उन पर 23 लाख रुपये का कर्ज है। शुक्रवार ( चार अगस्त) को एनआईए नसीम से पूछताछ करने वाला है।स्कूल से कुछ ही दूर गिलानी का दो मंजिला मकान है। गिलानी के घर में 10 कमरे हैं। घर की कीमत करीब चार करोड़ आंकी गई है। इस घर में गिलानी की बड़ी बेटी जमशिदा और उनके पति रहते हैं।