अमेरिकी कोर्ट का सहारा को कारण बताओ नोटिस

Subrata-Roy

एक अदालत ने सहारा समूह को 35 करोड़ डॉलर (करीब 2,240 करोड़ रुपये) के मुकदमे में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यह मुकदमा समूह के होटल प्लाजा और ड्रीम डाउनटाउन को जब्त करने की अनुमति हासिल करने के लिए हांगकांग की जेटीएस ट्रेडिंग लिमिटेड ने दायर किया है।

जेटीएस ट्रेडिंग ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की ट्रिनिटी व्हाइट सिटी वेंचर्स के साथ स्विस बैंक यूबीएस से कर्ज लेकर संकटग्रस्त सहारा समूह के विदेश स्थित तीन होटल-लंदन में ग्रॉसवेनर हाउस और न्यूयॉर्क स्थित प्लाजा व ड्रीम डाउनटाउन के अधिग्रहण का प्रस्ताव दिया था। ट्रिनिटी, सहारा और यूबीएस के खिलाफ न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में दायर मुकदमे में जेटीएस ने आरोप लगाया है कि ट्रिनिटी ने सहारा से सीधे बातचीत के लिए इस प्रस्तावित सौदे से अपने आप को अलग कर लिया है। उसने ने यह भी आरोप लगाया है कि करार के तहत न्यासी शुल्क को न चुकाने के लिए यूबीएस और सहारा ने ट्रिनिटी की मदद की है और उसे बढ़ावा दिया है।

मुकदमे की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अब सहारा इंडिया परिवार को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। समूह को आठ जुलाई तक इस नोटिस का जवाब देना है। नोटिस में पूछा गया है कि प्लाजा और ड्रीम डाउनटाउन में समूह की हिस्सेदारी को जब्त कर लेने के आदेश क्यों नहीं दे देने चाहिए।

फिलहाल ट्रिनिटी, जेटीएस और यूबीएस से इस संबंध में कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है, जबकि सहारा समूह की ओर से सिर्फ इतना कहा गया कि ट्रिनिटी के साथ ग्रुप कोई लेनदेन नहीं कर रहा है। जेटीएस की ओर से कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेज कहते हैं कि उसने सहारा के तीन होटल खरीदने के लिए इस साल के शुरू में ट्रिनिटी के साथ एक वेंचर बनाया था। अपने प्रमुख सुब्रत राय और दो अन्य शीर्ष एक्जीक्यूटिव की रिहाई के लिए समूह फंड जुटाने के प्रयास में जुटा है।

प्रस्तावित सौदे के तहत जेटीएस को होटलों के अधिग्रहण के लिए एक निजी इक्विटी फंड में 70 फीसद हिस्सेदारी के लिए 85 करोड़ डॉलर का निवेश करना था। इसके मुकाबले ट्रिनिटी को 30 फीसद हिस्सेदारी के लिए 25 करोड़ डॉलर का निवेश करना था। यूबीएस को ट्रांजैक्शन के लिए सीनियर डेट सुविधा उपलब्ध करानी थी। जेटीएस का दावा है कि उसे फंड का बंदोबस्त करने के लिए विशेष दायित्व मिला था। उसने आरोप लगाए हैं कि पहले सहारा ने इस सौदे के लिए 1.1 अरब डॉलर की बात की थी, लेकिन बाद में इस सौदे की रकम बढ़ाकर 1.5 अरब डॉलर कर दी। कंपनी का कहना है कि बाद के चरणों में उसे सौदे से बाहर कर दिया गया और सहारा तथा यूबीएस की मदद से ट्रिनिटी सीधे इस सौदे के लिए भारतीय समूह से बातचीत करने लगी।

दिलचस्प यह है कि इस महीने की शुरुआत में सहारा समूह ने एलान किया था कि तीन होटलों पर बैंक ऑफ चाइना के कर्ज को ट्रांसफर करने के लिए उसका एक अन्य पार्टी रूबेन बंधु के साथ करार हो गया है। इसी की मदद से उसने लंदन में बने अपने ग्रॉसवेनर हाउस को नीलाम होने से बचा लिया है। तकनीकी चूक के कारण बैंक ऑफ चाइना इसे नीलाम करने जा रहा था।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *