भारत में प्रदूषण का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है और देश के लोगों की उम्र बढ़ते प्रदूषण की वजह से कम होने लगी है. शिकागो यूनिवर्सिटी के एनर्जी पॉलिसी इंस्टीट्यूट ने भारत के वायु प्रदूषण पर एक रिसर्च की है, जिसके मुताबिक प्रदूषण की वजह से भारत के 40 प्रतिशत लोगों की औसत उम्र 9 वर्ष तक घट सकती है.
यानी अगर कोई व्यक्ति 80 वर्ष तक जीता है तो भारत के वायु प्रदूषण की वजह से उसकी उम्र 71 वर्ष ही रह जाएगी.स्टडी में दावा किया गया है कि उत्तर भारत के 48 करोड़ लोग हर रोज खतरनाक वायु प्रदूषण का सामना करते हैं. जिस हवा में उत्तर भारत के लोग सांस लेते हैं वो दुनिया के किसी भी हिस्से के मुकाबले 10 गुना ज्यादा जहरीली है.
लेकिन मध्य और पश्चिमी भारत के लोगों की स्थिति भी ज्यादा अच्छी नहीं है. साल 2000 के बाद से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में हवा की गुणवत्ता भी बहुत खराब हुई है. यहां के लोग भी वायु प्रदूषण की वजह से पहले के मुकाबले 2 से 3 वर्ष कम जी रहे हैं.
इस रिपोर्ट में ये सुझाव भी दिया गया है कि अगर भारत सरकार एक मजबूत क्लीन एयर पॉलिसी लेकर आए तो भारत के लोगों की औसत उम्र 5 वर्ष तक बढ़ सकती है. सिर्फ दिल्ली में ही अगर वायु प्रदूषण का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइन के मुताबिक हो जाए तो दिल्ली वालों को जीवन जीने के लिए 10 अतिरिक्त साल और मिल जाएंगे.
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन कहती है किसी शहर में वायु प्रदूषण का स्तर 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से ज्यादा नहीं होना चाहिए, लेकिन साल 2019 में भारत में प्रदूषण का स्तर करीब 70 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर था. यानी जितना होना चाहिए. उससे सात गुना ज्यादा.
Medical Journal Lancet के मुताबिक साल 2019 में दुनिया के 92 लाख लोगों की मौत वायु प्रदूषण की वजह से हुई थी. इनमें से 16 लाख से ज्यादा मौतें अकेले भारत में हुई थी. वायु प्रदूषण का आंकलन करने वाली संस्था IQ Air ने हाल ही में दुनिया के सबसे प्रदूषित देशों की लिस्ट जारी की थी.
इसमें भारत तीसरा सबसे प्रदूषित देश है. इस लिस्ट में पहले नंबर पर बांग्लादेश और दूसरे नंबर पर पाकिस्तान हैं. यानि प्रदूषित देशों के मामले में टॉप 3 देश भारतीय उपमहाद्वीप के ही हैं.इसी साल दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों एक लिस्ट भी आई थी, जिसमें टॉप 10 प्रदूषित शहरों में 5 भारत के शहर थे. इसमें दिल्ली से सटा गाजियाबाद दूसरे नंबर पर और दिल्ली तीसरे नंबर पर थी. इसके अलावा इस लिस्ट में लखनऊ, मुजफ्फरनगर और हापुड़ जैसे शहर भी शामिल थे.