रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में

मां-बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में गिरप्तार रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन चीफ अर्नब गोस्वामी को मुंबई की स्थानीय अदालत ने 14 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।पुलिस ने श्री गोस्वामी को शाम अलीबाग कोर्ट में पेश किया, जहां लगभग छह घंटे तक चली सुनवाई के बाद अदालत ने उन्हें 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

उल्लेखनीय है कि मुंबई पुलिस ने श्री गोस्वामी को इंटिरियर डिजाइनर अनवय नाईक तथा उनकी मां की खुदकुशी मामले में बुधवार की सुबह गिरफ्तार किया था। श्री अनवय ने मई 2018 में श्री गोस्वामी तथा दो अन्य लोगों द्वारा संचालित कंपनी कॉनकॉर्डे डिजाइन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 5.40 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किए जाने के कारण अपनी मां के साथ आत्महत्या कर ली थी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री गोस्वामी जमानत और अपने खिलाफ दर्ज की गयी प्राथमिकी को रद्द करने की मांग को लेकर बॉम्बे उच्च न्यायलय में अपील करेंगे।उधर श्री नाईक की पुत्री अदन्या ने कहा कि मेरे पिता ने सुसाइड नोट में तीन लोगों को जिक्र किया था। पुलिस ने बताया कि श्री गोस्वामी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 306 तथा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस इस मामले में आईकास्टएक्स/स्काई मीडिया तथा स्मार्टवर्क्‍स के नीतेश सारदा को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने अलीबाग थाना में श्री गोस्वामी के खिलाफ ताजा मामला दर्ज किया गया है, जिसमें उपरोक्त दो धाराओं के साथ 353 तथा 504 को भी जोड़ दिया है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट के वकील सिद्धार्थ आचार्य ने मुख्य न्यायायाधीश एस.ए. बोबडे को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने उनसे (श्री बोबडे) इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई करने की मांग की है। उन्होंने पत्र में बताया है कि श्री गोस्वामी को न तो पूर्व सम्मन दिया और न ही कानूनी टीम परामर्श लेने की अनुमति दी गयी।

उन्होंने श्री गोस्वामी की गिरफ्तारी को बदलने की भावना से की गई कार्रवाई और प्रेस की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है। वहीं एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने श्री गोस्वामी की गिरफ्तार की निंदा की है और इसे अत्यंत दुर्भाज्ञपूर्ण कदम करार दिया है।

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