राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आज दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. इस मुलाकात के बाद उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने हालात को देखते हुए फैसला लिया है कि वो अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा मैंने सोनिया गांधी से मुलाकात करते मांगी माफी, सोरी फील किया. सोनिया गांधी के साथ मैंने बातचीत की. पिछले 50 साल में मैंने कांग्रेस पार्टी में वफादार सिपाही के रूप में काम किया. आलाकमान ने पूरा विश्वास करके मुझे जिम्मेदारी दी. मैं प्रदेश अध्यक्ष, एआईसीसी महासचिव सहित कई पदों पर रहा.
दो दिन पहले जो घटना हुई उससे बेहद दुखी और आहत हुआ.उन्होंने आगे कहा मैं दिल्ली में एक लाइन का प्रस्ताव पास नहीं करवा पाया. कांग्रेस के इतिहास मे ऐसा पहली बार ऐसा हुआ इसके लिए मैंने सॉरी फील किया. मैंने तय किया है कि अध्यक्ष का चुनाव नहीं लडूंगा.
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को लेकर गहलोत नें कुछ भी साफ तौर पर नहीं कहा. उन्होंने कहा, राजस्थान के सीएम पद का फैसला आलाकमान (सोनिया गांधी) करेगा. उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की वजह से मुझे सबकुछ मिला, मंत्री रहा मुख्यमंत्री बना, जो घटना हुई, उसने हिला कर रख दिया है और मुझे दुख है.
देश में संदेश गया की मैं सीएम बने रहना चाहता हूं.कांग्रेस दो दशक से अधिक समय के अंदर अपने पहले गैर गांधी परिवार के अध्यक्ष को लाने की तैयारी कर रही है. तीनों गांधी 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव से बाहर रहेंगे, अब तक शशि थरूर ने नामांकन पत्र मांगा है.
इस मुलाकात के बीच आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह नामांकन फॉर्म लेने को कांग्रेस मुख्यालय पहुंचेंगे. कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए शशि थरूर ने नामांकन पत्र लिया है तो वहीं अब पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी नामांकन पत्र ले लिया है. केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री के दिल्ली में मौजूद न होने के कारण वह शुक्रवार को नामांकन पत्र भरेंगे.