ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने की पहल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में एल-रूट सर्वर स्थापित किया है। भामाशाह स्टेट डाटा सेंटर में स्थापित इस सर्वर को सरकार ने इंटरनेट कर्पाेरेशन फर असाइन्ड नेम्स एंड नंबर्स के साथ मिलकर स्थापित किया है।
इस व्यवस्था के बाद अब यदि पूरे एशिया या भारत में किसी तकनीकी गड़बड़ी या प्रातिक विपदा के कारण इंटरनेट कनेक्टिविटी में दिक्कत आती है, तो भी यह राजस्थान में बिना किसी रूकावट के चलती रहेंगी। साथ ही इससे हाइ स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित होगी।
उल्लेखनीय है कि गहलोत के नेतृत्व में राज्य सरकार आमजन की सुविधा और सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता के लिए डिजिटल सेवाओं को बढ़ाने पर ज़ोर दे रही है। ई-मित्र, जन-आधार, जन कल्याण पोर्टल, जन सूचना पोर्टल तथा विभिन्न मोबाइल एप्स के माध्यम से सरकार की सेवाएं लोगों के लिए सुगमता से पहुंच रही हैं।
यही कारण है कि राजस्थान आज डिजिटल सेवाओं में देश में सबसे आगे है। चूंकि इन डिजिटल सेवाओं के लिए रूकावट रहित और बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी ज़रूरी है, इसलिए एल-रूट सर्वर के माध्यम से देश में यह एक बड़ी पहल है।
सरकार की इस पहल से प्रदेश में आमजन के साथ ही उद्योग जगत को भी अब इंटरनेट में रूकावट का सामना नहीं करना पड़ेगा। आईसीएएनएन के इस रूट सर्वर से अब राजस्थान डोमेन नेम सिस्टम के लिए किसी रूट सर्वर पर निर्भर नहीं है।उल्लेखनीय है कि आईसीएएनएन एक एजेंसी है जो कि डीएनएस रिजोल्यूशन एवं रूट सर्वर को मैनेज करने का कार्य करती है।
ये रूट सर्वर डीएनएस सर्वर एवं क्लाइंट के साथ कनेक्टिविटी स्थापित करने का काम करते हैं। वर्तमान में देश में दिल्ली, मुंबई और गोरखपुर में तीन जे-रूट सर्वर हैं और मुंबई व कोलकाता में दो एल-रूट सर्वर हैं, लेकिन राज्य स्तर पर एल-रूट सर्वर स्थापित करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।