वेटिंग रूम्स की फैसिलिटीज बढ़ाने जा रहा है रेलवे

पैसेंजर्स की परेशानी को कम करने के लिए रेलवे वेटिंग रूम्स की फैसिलिटीज बढ़ाने जा रहा है। रेलवे के प्लान के तहत अब वेटिंग रूम्स्स में पैसेंजर्स के लिए टीवी, बेवरेजस और लाइट स्नैक्स का इंतजाम किया जाएगा, ताकि ट्रेन लेट होने पर लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े। रेलवे के एक अधिकारी के मुताबिक, सबसे पहले इस प्रोजेक्ट की टेस्टिंग दिल्ली डिवीजन में की जाएगी।

इसके बाद ही इसे पूरे देश में लाया जाएगा।पायलट प्रोजेक्ट में टेस्टिंग के लिए सबसे पहले दिल्ली डिवीजन के वेटिंग रूम्स को अपग्रेड किया जाएगा। रेलवे इनको PPP मॉडल के तहत डेवलप करेगा।डिवीजन को इस प्रोजेक्ट को 3 महीनों तक टेस्ट करने के लिए कहा गया है, जिसके बाद उसे रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।

अधिकारियों के मुताबिक, इस प्रोजेक्ट के सफल होने के बाद ही बोर्ड इस मॉडल को देशभर में लागू करेगा।बता दें कि दिल्ली नॉर्दर्न रेलवे जोन का ही एक डिवीजन है। इसमें 213 स्टेशनों के साथ 1386 किलोमीटर का रेल नेटवर्क भी आता है। हर रोज 500 पैसेंजर ट्रेन्स के अलावा 210 फ्रेट ट्रेन्स भी यहां से गुजरती हैं।

रेलवे के एक सीनियर अफसर के मुताबिक, सर्दी के मौसम में कई बार कोहरे की वजह से ट्रेनें लेट हो जाती हैं, जिसके चलते पैसेंजर्स को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इसीलिए रेलवे इन वेटिंग रूम्स को अपग्रेड कर रहा है, ताकि पैसेंजर्स को लेट ट्रेनों की वजह से परेशानी का सामना ना करना पड़े।

रूम्स में पैसेंजर्स को बेवरेज वेंडिंग मशीन्स, लाइट रिफ्रेशमेंट, टीवी, नए फर्नीचर, अपग्रेडेड टॉयलेट्स जैसी कई मॉडर्न फैसिलिटीज मिलेंगी। रेलवे इसके लिए नॉर्दर्न रेलवे के जनरल मैनेजर को इंस्ट्रक्शन भी दे चुका है।

रेलवे जल्द ही बेडरूम्स, किचन, लाउंज और टॉयलेट वाले अपने लग्जरी सलून में आम लोगों को सफर करने का मौका दे सकता है। कुछ ही दिन पहले रेलवे के सीनियर अफसरों ने इन कोचेज को आम लोगों के लिए लाने की बात कही थी। रेलवे ने अपने अफसरों से ऐसे दो कोच को टूरिज्म के मकसद से मुहैया कराने का प्लान बनाने को कहा है। इसका मकसद इस तरह के लग्जरी कोच में सफर को प्रमोट करना है।

रेलवे के सलून कोच उसके सीनियर अफसरों के लिए होते हैं। वे एक्सीडेंट वाली जगह या दूर-दराज के इलाकों में इंस्पेक्शन पर जाने के लिए इन कोच का इस्तेमाल करते हैं।देश के सभी रेलवे जोन में मौजूद सलून को मिलाकर ऐसे कुल 336 कोच हैं। इनमें से 62 एयरकंडीशंड हैं।

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