प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी मामले में राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया गया है. बीजेपी पार्षद दिलीप श्रीवास्तव ने लखनऊ के स्पेशल CJM कस्टम कोर्ट में उनके खिलाफ यह मामला दर्ज कराया है. कोर्ट ने 10 अप्रैल को वादी को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया है.
उसी दिन दिलीप श्रीवास्तव राहुल गांधी के खिलाफ गवाह और सबूत भी पेश करेंगे. दरअसल, 18 मार्च को नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा था नीरव मोदी PNB को 13 हजार करोड़ रुपए का चूना लगाकर भाग गया. उससे पहले एक ललित मोदी भी थे.
कांग्रेस के 84वें अधिवेशन में राहुल गांधी ने कहा था कि PNB घोटाले को लेकर देश के प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री कुछ नहीं बोलते हैं. तमाम भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा था कि मोदी सरनेम भ्रष्टाचार का पर्याय बन गया है. उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से काफी उम्मीदें थीं, लेकिन चार सालों के भीतर ही उनका भरोसा टूट गया.
वे बेरोजगार हैं. राहुल गांधी ने उस बैठक में पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा था. राहुल गांधी ने कहा कि जब कभी मैं युवाओं से पूछता हूं कि आप क्या करते हैं? उनका जवाब होता है कुछ नहीं.यह पहली दफा नहीं है जब राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया हो.
इससे पहले भी देश के अलग-अलग हिस्सों में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराए जा चुके हैं. 2014 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महात्मा गांधी की हत्या की थी. उस बयान को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर के CJM कोर्ट में उनके खिलाफ परिवाद दर्ज कराया गया था.
उससे पहले 2011 में उन्होंने इलाहाबाद के फूलपुर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि आखिर उत्तर प्रदेश के लोग कब तक महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगेंगे और पंजाब में मजदूरी करेंगे. इस मामले में भी उन पर मेरठ और बुलंदशहर में CJM कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया था.