यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों के सुरक्षित वापसी के लिए चलाए जा रहे अभियान गंगा की कमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीधे अपने हाथ में ले ली है।वह न केवल इस मिशन की लगातार मॉनिटिरंग कर रहे हैं बल्कि यूक्रेन से सुरक्षित वापसी के लिए विदेश मंत्रालय के अधिकारी और राजदूतों के साथ ही अन्य देशों के राष्ट्राध्यक्ष सीधे बातचीत कर रहे हैं।
मोदी के प्रयासों का असर भी दिख रहा है। पोलैंड अब भारतीय छात्रों को बिना वीजा के एंट्री की इजाजत दे दी है तो वही युद्ध क्षेत्र में छात्र छात्रों के लिए देश का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा एक बड़ी ढाल बन गया।पिछले दिनों रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों की सुरक्षित वापसी के मुद्दे को उठाया था।
इसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी सेनाओं को निर्देश दिया कि तिरंगा लगे किसी भी वाहन को सुरक्षित रास्ता दिया जाए। इतना ही नहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ बातचीत में भी प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीयों की सुरक्षा का मुद्दा उठाया था।विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार यूक्रेन की सरकार ने अपने सैनिकों को निर्देश दिया है कि तिरंगा लिए छात्रों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित की जाए।
सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को निर्देश दिए हैं कि वह सभी संबंधित देशों में भारतीय राजनियकों के साथ ही उन देशों के सरकार के भी संपर्क में रहें और छात्रों के लिए हर संभव सुविधा मुहैया कराने का प्रयास करें।सूत्रों के अनुसार सुरक्षा मामलों की कैबिनेट में प्रधानमंत्री का पूरा जोर इसी बात पर रहा था कि किसी भी भारतीयों को कोई हानि न पहुंचे और एक एक भारतीय को यूक्रेन से सुरक्षित स्वदेश वापसी सुनिश्चित की जाए।
यूक्रेन में तिरंगा भारतीयों का सुरक्षा कवच बना है। विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार दूसरे देशों की सीमाओं पर पहुंच रहे छात्रों की बसों और अन्य वाहनों में तिरंगा झंडा लगाया गया है।तिरंगे को देखकर रूसी सेना के जवान सम्मान कर रहे हैं और छात्रों को हिफाजत के साथ उनकी मंजिल की ओर रवाना कर रहे हैं। भारतीय झंडे वालों को सुरक्षित निकालने में रूसी सेना भी मदद कर रही है।